संदीप ठाकुर, लोरमी- रोटी बनाते समय लोई गीला होने पर एक मां ने धोखे से कीटनाशक पावडर मिला दिया. कीटनाशक मिला रोटी खाने से उसके दो साल की मासूम बेटी की इलाज के अभाव में मौत हो गई. परिवार के अन्य चार सदस्यों की हालत गंभीर है. चारों को पंडरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है, जहां इलाज जारी है.

घटना लोरमी ब्लाक खपरीकला के प्राणकापा गांव की है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि परिवार के पांच सदस्यों की हालत खराब होने पर गांव से डेढ़ किमी दूर खपरीकला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शाम 5 बजकर 12 मिनट पर ले जाया गया, लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ताला लगा था. थोड़ी देर इंतजार करने के बाद पंडरिया ले गए. जहां प्राथमिक उपचार के बाद दो को जिला अस्पताल कवर्धा रेफर किया गया, जहां बच्ची की मौत हो गई.

ग्रामीणों का आरोप है कि खपरीकला का प्राथमिक अस्पताल बंद था, जिसकी वजह से मासूम की मौत हुई है, और घायलों को सही समय में इलाज नहीं मिली. अस्पताल में डॉक्टर सहित दस कर्मचारियों का सेटअप है, लेकिन घटना के दिन स्वास्थ्य केंद्र में एक भी कर्मचारी उपस्थिति नहीं थे. परिजनों का आरोप है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही के चलते ही 2 वर्षीय दुर्गेश्वरी चंद्राकर की जान गई है. सही समय में इलाज होता तो जान बच सकती थी.

परिवार के अन्य सदस्यों ने बताया कि 15 दिन पहले ही परिवार में 40 वर्षीय बड़े बेटे शिवकुमार की मौत हो गई. मृत्यु भोज कार्यक्रम से बचे आटे का रोटी बना रही थी. इस दौरान रोटी आटा गीला होने पर धोखे से महिला ने धान फसल में उपयोग करने वाले पावडर आटा में मिला दिया. रोटी बनने के बाद अपने परिवार को दिया. बच्ची ने रोटी खाने के बाद मां को कड़ुवा होने की बात कही. लेकिन उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया. और बदले में दूध व शक्कर दे दी. फिर कुछ देर बाद सभी सदस्यों की हालत गंभीर हो गई.

डॉक्टर संजय चंद्राकर के द्वारा सफाई दी जा रही है कि मौके पर आपातकालीन खिड़की खुली हुई थी लेकिन ग्रामीणों का यह कहना है कि उस दौरान उन्हें फोन पर जानकारी दी गई, लेकिन वह रविवार होने का हवाला देते हुए अपना पल्ला झाड़ लिए, फिलहाल इस पूरे मामले में बीएमओ जीएस दाऊ के द्वारा जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कही. वहीं अब देखना होगा कि किस तरह से इस पूरे मामले में जांच होती है और कब तक कार्यवाही की जाएगी.