रमेश सिन्हा. पिथौरा (महासमुंद). इमरान हाशमी और विद्या बालन की मूवी घनचक्कर देखकर आपको जो चक्कर आया होगा. इन दिनों कुछ ऐसा ही चक्कर सांकरा थाना और बालोद थाना के पुलिसकर्मियों को आ गया है. लाखों रूपये के ठगी मामले में जब पुलिस को पता चला कि आरोपी कोई और नहीं बल्कि खुद ही प्रार्थी ही आरोपी है. ठगी मामले में दिलचस्प मोड़ आ गया है. पुलिसकर्मी के लिए जो मामला लंबे समय से सिरदर्दी बन चुका था.

असली जानकारी का पता चलते ही पुलिसकर्मियों का ठगी मामले का ये माइग्रेन ही अब दूर हो चुका है. अब ठगी के इस दिलचस्प मामले को जरा विस्तार से समझ लीजिए…सांकरा थाना अंतर्गत ग्राम सलडीह के दो शातिर ठगों ने पुलिसकर्मियों को ही चक्कर में डाल दिया था. दोनों शातिर घनचक्कर ठग पिता-पुत्र हैं. दोनों ने पहले तो भोले-भाले ग्रामीणों को नौकरी का झांसा देकर जमकर लूटा. बाद में झूठी कहानी रचकर ऐसे लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज करा दिया जो कभी इस दुनिया में थे ही नहीं. आरोपियों ने बालोद थाना पहुंचकर ठगी में न्याय दिलाने गुहार लगाते हुए प्रार्थी बनकर एफआईआर करा दिए.

इधर अब मामले सामने आने के बाद असली पीड़ित पक्षों ने आज महासमुंद एसपी से मिलकर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. शातिर आरोपी पिता का नाम रंकमणि जाल और ठग पुत्र का नाम सब्यसाची जाल है. लगभग डेढ़ साल बीतने के बाद कई पीड़ितों का नौकरी नहीं लगी तो पिता-पुत्र ने शातिराना अंदाज में बालोद जा कर स्वयं को प्रार्थी बनाया और दो अनजान लोगों (सूरज विश्वकर्मा और पुष्कर साहू ) के खिलाफ रिपोर्ट लिखा दी. बालोद थाना में शून्य में दर्ज अपराध किया गया था. बालोद पुलिस जब नंबरी कायम होने बसना आये तब आरोपियों की चालाकी का पता चला.

ठगी के शिकार हुए बलिराम मटारी, सुखदेव पण्डा, दुलामणिसाहू,नारायण यादव,गजानंद भोई ने शपथपत्र के साथ शिकायत कर बताया कि सूरज विश्वकर्मा व पुष्कर साहू को उन्होंने कभी नही देखा है और न ही वे लोग उन्हें जानते हैं. सूरज विश्वकर्मा व पुष्कर साहू से उनका को लेना देना नही है. स्वयं को बचाने सब्यसाची ने थाने में झूठी रिपोर्ट लिखाई है. इस झूठी रिपोर्ट के पर आरोपियों के खिलाफ अलग से कार्रवाई की मांग की है.

किसी ने बेची जमीन,किसी का बिका गहना तो कोई कर्ज में डूब गया

नौकरी के नाम से ठगी करने पिता-पुत्र का शातिराना अंदाज इतना जबरदस्त था कि वे आनन-फानन में राशि की मांग करते थे. किसी को सोचने का जरा भी मौका नहीं देते थे. ग्राम बड़ेपन्धी के गणेशराम बाघ ने बताया कि नौकरी की ललक उसे इस कदर थी कि उसे कुछ नही सुझा. पिता के नाम से धारित भूमि को कौड़ियो के मोल बेच कर नौकरी के नाम से राशि अदा किया था. वहीं बारडोली के बंशीधर ने बताया कि उससे आरोपियों ने पत्नी के जेवर तक बिकवा दिए हैं. वह पूरी तरह से कंगाल हो गया है. घर के सभी गहने बिक चुके हैं. बलिराम मटारी ने कहा कि पिता पुत्र द्वारा दिलाये भरोसे के बाद रातोंरात उसने अपने करीबी रिश्तेदार के घर ग्राम पुडागढ़ से ब्याज में राशि ला कर दी थी वह कर्ज के बोझ तले डूब गया है.