हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश में ब्लैक फंगस की दवा और इंजेक्शन को लेकर मरीज लगातार परेशान हो रहे हैं. जिसका एक नजारा इंदौर में उस वक्त देखने को मिला, जब प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर के दौरे पर थे. यहां इस बीमारी से परेशान मरीजों के परिजन मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे, लेकिन सीएम साहब नहीं मिले. इंजेक्शन कमी के अव्यवस्थाओं का आलम ये है कि मरीजों के परिजन दर-दर भटकने को मजबूर हैं. वहीं इंजेक्शन के लिए परेशान कुछ परिजनों के सिर अधिकारियों के पैरों में झुक गए, तो कुछ के साथ पुलिस ने बदसलूकी भी की.
अधिकारियों के पैरों पर झुके मजबूरों के सिर
बता दें कि पहला मामला इंदौर के बरोड अस्पताल में भर्ती उषा नामक मरीज का है, उनके परिजन आज सीएम से मिलने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने एसडीएम के पैरो में झुक कर इंजेक्शन दिलवाने में मदद की गुहार लगाई. वहीं दूसरे मामले में अरविंदो अस्पताल में भर्ती मरीज की पत्नी अपने दो मासूम बच्चों के साथ सीएम से मिलने पहुंची. जहां उसे घंटों इंतजार के बाद भी पुलिस की बेरुखी का सामना करना पड़ा.
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पति को बचाने के लिए मासूम बच्चों के साथ भटक रही पत्नी
इंजेक्शन के लिए परेशान पद्मा जैन ने बताया की उनके पति अंकित जैन कोरोना के बाद उन्हें ब्लैक फंगस हो गया. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने रोज 5 इंजेक्शन लगाने के लिए कहा है. लेकिन उसे कहीं इंजेक्शन नहीं मिल रहा है. जिसके चलते वह अपने पति की जिंदगी बचाने के लिए अपने दो मासूम बच्चों के साथ सीएम से मिलने के लिए पहुंची थी.
पुलिस ने की महिला के साथ बदसलूकी
इंदौर पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने के लिए ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीज की पत्नी और मूक बधिर बच्चे घंटों भर चौराहे पर बैठे रहे. इस दौरान महिला पुलिस अधिकारियों के सामने हाथ जोड़ती रही, गिड़गिड़ाती रही. लेकिन प्रशासन की क्रूरता देखिए कि थाना प्रभारी आरएन भदोरिया ने लॉकडाउन में महिला के घर से निकलने पर सवाल पूछना शुरू कर दिया. इतना नहीं पीड़ित पति के लिए इंजेक्शन की गुहार लेकर कलेक्टर ऑफिस पहुंची तो महिला के साथ जूनी इंदौर थाना प्रभारी आरएन भदौरिया द्वारा बदसलूकी भी गई.
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परिजनों से मिले पूर्व मंत्री
वही घंटों से इंजेक्शन के लिए सीएम से मिलने का इंतज़ार कर रहे परिजनों से पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने परिजनों को जिम्मेदार अधिकारियों तक पहुंचाया. इस मामले को लेकर जीतू पटवारी ने कहा की अधिकारियों को भी लोगों की मदद करना चाहिए, और अगर मदद न कर सकें तो उनके साथ सहानुभूति जरूर बरतना चाहिए.
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