फीचर स्टोरी. छत्तीसगढ़ एक ऐसा युवा राज्य है, जहां अब तेजी से खेलों का विकास भी जारी है. राज्य सरकार बुनियादी जरूरतों को पूरा कर खेलमय वातावरण बनाने में सफल होती दिख रही है. बीते साढ़े तीन साल में भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ को खेलगढ़ बनाने की दिशा में काफी काम किया है. खिलाड़ियों के लिए कई योजनाएं सरकार ने शुरू की है. ढेरों सौगातें भी सरकार ने खिलाड़ियों को दी है.

सरकार ने राजीव युवा मितान क्लब के साथ ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे लाने में भी जुट गई है. खेलबो-जीतबो-गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के नारे को साकार किया जा रहा है और खिलाड़ियों को सुविधाओं और संसासधानों के साथ एक मजबूत आधार दिया जा रहा है. इसी का ही परिणाम है कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी अब लगातार राष्ट्रीय गेम्स में न सिर्फ भाग ले रहे हैं, बल्कि पदक भी जीत रहे हैं. कई खेलों में आज राज्य से बड़ी संख्या में खिलाड़ी भारतीय टीम में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. खिलाड़ियों को और बेहतर माहौल देने के लिए खेल विकास प्राधिकरण का गठन भी किया गया है. इसके साथ ही कुछ जगहों नवीन आकादमी भी खोले गए हैं.

आइये जानते हैं कि छत्तीसगढ़ कैसे बन रहा है खेलगढ़ ?

खेल विकास प्राधिकरण

छत्तीसगढ़ में एक बेहतर खेलमय वातावरण बनाने और खेल गतिविधियों के बेहतर संचालन के लिए राज्य सरकार ने खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया है. प्राधिकरण के माध्यम से खेल आकामदियों का संचालन, खेल अधोसंरचनाओं का निर्माण, खिलाड़ियों को संसाधन, आदि को पूरा किया जा रहा है. रायपुर खेल विकास प्राधिकरण, बिलासपुर खेल विकास प्राधिकरण, बस्तर खेल विकास प्राधिकरण के साथ नारायणपुर और बिलासपुर में नवीन आकादमी भी खोले गए हैं. वहीं खेलों को बढ़ावा देने समेत संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए प्राधिकरण के गवर्निंग बॉडी और एक्जिक्यूटिव बॉडी की बैठकें भी हो चुकी हैं.

इसके साथ ही खेल प्रशिक्षकों के 08 पदों पर संविदा भर्ती की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है. वर्तमान में 15 खेल संघ विभाग से मान्यता प्राप्त हैं. वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1.43 करोड़ रुपये अनुदान राशि भी जारी किया गया है। वहीं व्यायाम शाला निर्माण के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में 40.17 लाख रुपये की राशि जारी की गई है.

आवासीय अकादमी का संचालन

छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद पहली बार सरकार ने आवासीय खेल आकामदी का संलाचन शुरू किया है. खेल एवं युवा कल्याण विभाग को संचालित आकादमी की स्थापना बिलासपुर में की गई है. स्व. बी.आर. यादव राज्य खेल प्रशिक्षण केन्द्र बहतराई बिलासपुर में हॉकी, तीरंदाजी एवं एथलेटिक की आवासीय अकादमी की स्थापना की गई है, जिसे भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा खेलो इंडिया स्टेट सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की मान्यता दी गई है.

एक्सीलेंस सेन्टर के लिए मैनपॉवर के हाई परफॉर्मेंस मैनेजर, हेड कोच हॉकी, स्ट्रैंथ एण्ड कंडिशनिंग एक्सपर्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, यंग प्रोफेशनल एवं मसाजर (महिला) की नियुक्ति की जा चुकी है तथा शेष की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है.

विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 1 जून 2022 से हॉकी की आवासीय अकादमी संचालित है, जिसमें 36 बालक एवं 24 बालिकाएं इस तरह कुल 60 खिलाड़ी प्रशिक्षणरत् हैं. वहीं तीरंदाजी तथा एथलेटिक खेल की अकादमी के लिए खिलाड़ियों के चयन ट्रायल लिए जा चुके हैं.

इसी तरह से आवासीय बालिका कबड्डी अकादमी में प्रवेश हेतु खिलाड़ियों के चयन ट्रायल भी हो चुका है. रायपुर में एनएमडीसी लिमिटेड के सहयोग से आवासीय तीरंदाजी अकादमी की स्थापना भी प्रकियाधीन है.

गैर आवासीय अकादमी की भी स्थापना

आवासीय के साथ-साथ राज्य सरकार ने गैर आवासीय खेल आकादमी की भी स्थापना की है. इसका संचालन भी खेल एवं कल्याण विभाग की ओर से जारी है. इसके पीछे उद्देश्य खिलाड़ियों को अधिक-अधिक सुविधाएं मुहैय्या कराना, उन्हें पूर्ण प्रशिक्षण देना है.

विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक राज्य के प्रत्येक जिले में विभिन्न खेलों की गैर आवासीय खेल अकादमियां स्थापित करने का लक्ष्य है. वर्तमान में तीरंदाजी प्रशिक्षण उपकेन्द्र शिवतराई (बिलासपुर), गैर आवासीय हॉकी एवं तीरंदाजी अकादमी, सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम रायपुर, गैर आवासीय बालिका फुटबॉल अकादमी स्वामी विवेकानन्द स्टेडियम कोटा रायपुर, गैर आवासीय बालक एवं बालिका एथलेटिक अकादमी स्वामी विवेकानन्द स्टेडियम कोटा रायपुर का संचालन किया जा रहा है.

सात लघु केन्द्रों की होगी स्थापना

राज्य में खेलो इंडिया योजना के तहत कई खेलों को बढ़ावा भी दिया है. वहीं खेलों के विकास के लिए सात लघु केंद्रों की स्थापना को भी मंदूरी दी गई है. इसमें जशपुर में हॉकी, बीजापुर में तीरंदाजी, राजनांदगांव में हॉकी, गरियाबंद में व्हॉलीबॉल, नारायणपुर में मलखम्ब, सरगुजा में फुटबॉल एवं बिलासपुर में तीरंदाजी शामिल है. इन स्थापनों पर जल्द ही खेल केंद्र स्थापित किए जाएंगे. प्रत्येक लघु केन्द्र के लिए सात लाख रुपये के मान से कुल राशि 49 लाख रुपये संबंधित जिला कलेक्टरों को जारी किए जा चुके हैं. खेलो इंडिया लघु केन्द्र के माध्यम से स्थानीय सीनियर खिलाड़ी को प्रशिक्षक के रूप में रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा.

राजीव युवा मितान क्लब का गठन

राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण स्तर में खेलों का एक व्यापक माहौल बनाने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की गई है. इसका नाम है राजीव युवा मितान क्लब. इस योजना के तहत ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने का काम किया जा रहा है. इसके माध्यम से युवाओं को जोड़कर उनके रचनात्मक विकास को एक मंच देना है. सरकार इसमें तेजी से सफल होती भी नजर आ रही है.

योजना के तहत प्रदेश के प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायों के वार्डों में कुल 13269 राजीव युवा मितान क्लब गठित किए जाने का लक्ष्य है. अब तक कुल 9917 युवा मितान क्लबों का गठन हो चुका है. प्रति क्लब 25 हजार रुपये प्रति तिमाही दिए जाने का प्रावधान है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में 33.325 करोड़ रुपये जिलों को जारी कर दिए गए हैं. राजीव युवा मितान क्लब से जुड़कर युवा खेल, सांस्कृतिक, सामाजिक गतिविधियों एवं जन-जागरूकता बढ़ाने का काम कर रहे हैं.

सिंथेटिक टर्फ और ट्रैक का निर्माण

खेलबो-जीतबो-गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के नारे को साकार करते हुए भूपेश सरकार ने खिलाड़ियों को सुविधाओं के साथ एक मजबूत आधार दिया है. इसके तहत राज्य सरकार ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं. विभागीय जानकारी के मुताबिक राज्य के जशपुर में सिंथेटिक टर्फ युक्त हॉकी मैदान के लिए 5.44 करोड़ रुपये, अम्बिकापुर में मल्टीपरपज इंडोर हॉल के लिए 4.50 करोड़ रुपये, जगदलपुर बस्तर में सिंथेटिक फुटबॉल ग्राउण्ड विथ रनिंग ट्रैक के लिए 05 करोड़ रुपये, महासमुंद में सिंथेटिक सतह युक्त एथलेटिक ट्रैक निर्माण के लिए 6.60 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हुई है. वहीं जगदलपुर बस्तर में निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है. खेलो इंडिया यूथ गेम्स में छत्तीसगढ़ राज्य के खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन कर 2 स्वर्ण, 3 रजत और 6 कांस्य पदक, इस प्रकार कुल 11 पदक हासिल किये हैं.