रायपुर. पुरी-अहमदाबाद एक्सप्रेस में अपने बच्चे का एडमिशन करने भुवनेश्वर गई महिला और उसके पति के पर्स चोरी होने के मामले में  रायपुर उपभोक्ता फोरम ने महिला यात्री के हक में फैसला सुनाया है और रेलवे को चोरी हुए 70 हजार रुपए के ज्वेलरी और नगदी के एवज में ब्याज सहित 70 हजार रुपए और महिला यात्री को हुई मानसिक क्षति के लिए 10 हजार रुपए और परिवादिनी को 2 हजार रुपए वादव्यय शुल्क अदा रेलवे को देने का फैसला सुनाया है.

 

पुरानी बस्ती रायपुर की रहने वाली श्रीमती प्रिया अग्रवाल अपने पति प्रशांत कुमार अग्रवाल के साथ बच्चे का एडमिशन कराने भुवनेश्वर गई थी. एडमिशन के लिए उनके पति के पास लगभग 45 हजार रुपए नगद थे, लेकिन बच्चे की एडमिशन फीस पूरी लेने की बात कहकर संस्थान ने पैसे लौटा दिए और उक्त परिवार भुवनेश्वर से रायपुर ट्रेन नंबर 18404 पुरी-अहमदाबाद एक्सप्रेस से 18 मार्च 2016 को रायपुर आ रहे थे. टिकट आरक्षित कराने पर उन्हें 67548611965 पीएनआर नंबर के साथ एस-6 में 3 बर्थ मिली. लेकिन हर बार की तरह बोगी में अनारक्षित टिकट लेकर ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्री रातभार उतरते और चढ़ते रहे. जिसकी शिकायत उन्होंने रात में ही ट्रेन के टीटीई से भी की. लेकिन टीटीई ने उनकी शिकायत नजरअंदाज कर दी और नतीजा यह हुआ कि यात्री का लाल कलर का लेडिस हैंड बैग टिटलागढ़ रेलवे स्टेशन से पहले ही चोरी हो गया. इस पर्स में महिला ने 20 हजार रुपए नगद, कान के टॉप्स लगभग 5 ग्राम के और सोने की अंगूठी 3 ग्राम की और एक मोबाइल. इसके पर्स में पति का छोटा पॉकेट पर्स भी था, जिसमें 15 हजार रुपए नगद एटीएम कार्ड समेत अन्य दस्तावेज थे, जिसकी कुल कीमत लगभग 70 हजार रुपए आकी गई. इस मामले की रिपोर्ट पीड़ित परिवार ने टिटलागढ़ जीआरपी थाना बलांगीर में 19 मई 2016 को दर्ज कराई. इस रिपोर्ट के आधार पर जीआरपी थाना रायपुर को यह रिपोर्ट भेजी गई जिसमें यहां पुलिस ने धारा-379 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया. लेकिन मामले में कोई भी कार्रवाई न होने और यात्री का चोरी हुआ सामान न मिलने के बाद पीड़ित यात्री ने उपभोक्ता फोरम रायपुर में न्याय की गुहार लगाई थी, जिसके बाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, रायपुर के अध्यक्ष उत्तरा कुमार कश्यप और फोरम के सदस्य संग्राम सिंह भुवाल ने यह फैसला सुनाया है.