दिल्ली. इंफोसिस के वित्तीय परिणाम के उम्मीदों के अनुरूप न रहने से आईटी और टेक कंपनियों में हुई भारी बिकवाली के बीच थोक महंगाई के नकारात्मक आंकड़े निवेश धारणा के लिए प्रतिकूल साबित हुए, जिससे सोमवार को घरेलू शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए. बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक 2.01 प्रतिशत यानी 1,172.19 अंक की तेज गिरावट में 57,166.74 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 1.73 प्रतिशत यानी 302.00 अंक फिसलकर 17,173.65 अंक पर बंद हुआ.

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शेयर बाजार में से एक इंफोसिस के शेयरों में 7.27 प्रतिशत की तेज गिरावट रही. एचडीएफसी में 4.81 प्रतिशत और एचडीएफसी बैंक में 4.74 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. सेंसेक्स की 30 में से 20 कंपनियां लाल निशान में रहीं और 10 हरे निशान में. विश्लेषकों के अनुसार, बाजार पर इंफोसिस के शेयरों की बिकवाली के साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध और थोक महंगाई के आंकड़े का भी असर रहा.

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केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार गत माह थोक महंगाई दर 14.55 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि फरवरी में यह आंकड़ा 13.11 प्रतिशत और मार्च 2021 में 7.89 प्रतिशत रहा था. यह लगातार 12वां महीना है जब थोक महंगाई दहाई अंकों में बढ़ी है. मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, साल दर साल आधार पर थोक मूल्य सूचकांक में शामिल प्राथमिक वस्तुओं के समूह में 8.71 प्रतिशत, इर्ंधन एवं बिजली में 23.52 प्रतिशत, विनिर्मित उत्पादों में 10.71 प्रतिशत तथा खाद्य सूचकांक में 8.71 प्रतिशत की तेजी रही.