नई दिल्ली। ‘कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013’ के तहत देश में महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश से ज्यादा शिकायतें सामने आईं हैं।

सरकार ने ‘कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013’ (एसएच अधिनियम) अधिनियमित किया है जिसका उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं को यौन उत्पीड़न के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करना और इससे संबंधित शिकायतों की रोकथाम और निवारण के लिए है।

सभी महिलाओं के लिए, उनकी उम्र, रोजगार की स्थिति या काम की प्रकृति के बावजूद, चाहे वे सार्वजनिक या निजी, संगठित या असंगठित क्षेत्र में काम कर रही हों। अधिनियम संबंधित ‘उपयुक्त सरकारों’ को अधिनियम के कार्यान्वयन की निगरानी के साथ-साथ बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपता है।

हालांकि, अधिनियम के तहत शिकायतों को दर्ज करने की सुविधा के लिए, महिला और बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) ने महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के पंजीकरण की सुविधा के लिए यौन उत्पीड़न इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स (एसएचई-बॉक्स) नामक एक ऑनलाइन शिकायत पोर्टल विकसित किया है।

एक बार शी-बॉक्स में शिकायत दर्ज होने के बाद, यह सीधे संबंधित अधिकारियों के पास मामले में कार्रवाई करने के लिए अधिकार क्षेत्र में पहुंचती है। ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई करने के साथ-साथ शी बॉक्स पर उस संबंध में स्थिति को अद्यतन करना सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की है।

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महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने शुक्रवार को इस संबंध में बताया कि अब तक आंध्र प्रदेश से 23 शिकायतें मिली हैं, अरुणाचल प्रदेश से 2, असम से 4, बिहार से 22 जिनमें से 15 का निपटारा हुआ। चंडीगढ़ से 4 शिकायतें मिली, छत्तीसगढ़ से 10, 3 का निपटारा हुआ, दिल्ली से 62 मामले सामने आये 21 का निपटारा हुआ, गोवा से 1, गुजरात के 30 मामलों में 18 का निपटारा हुआ, हरयाणा से 50 मामले आये 20 का निपटारा हुआ, हिमाचल प्रदेश से 5 जम्मू और कश्मीर (यूटी लद्दाख सहित) से 8, से झारखंड 3, कर्नाटक से 56 मामले सामने आए 50 का निपटारा हुआ।

वहीं केरल से 13, मध्य प्रदेश से 38 मामले सामने आए, महाराष्ट्र से देश में सबसे ज्यादा 102 मामले आये 22 का निपटारा हुआ, मेघालय से 1 मामला, उड़ीसा से 5 दो का निपटारा हुआ। पुदुचेरी से 4, पंजाब से 15 इसमें से 5 का निपटारा हुआ। राजस्थान से 40 मामले आये 29 हल हुए। तमिलनाडु से 67 मामले आये 42 हल हुये, तेलंगाना से 24 मामले आये 8 हल हुए। उतार प्रदेश देश में दूसरे न पर 92 मामले सामने आए, जिसमें से 74 का निपटारा हुआ। उत्तराखंड से 7, पश्चिम बंगाल से 19 मामले सामने आए।