स्पोर्ट्स डेस्क- क्रिकेट को और आकर्षक, पारदर्शी बनाने के लिए आईसीसी लगातार प्रयास करते रहता है, और अक्सर तरह तरह के एक्सपेरीमेंट भी करते रहता है, साथ ही कई नए नियम समय समय पर लागू भी किए जाते हैं।
भारत और वेस्टइंडीज के बीच 6 दिसंबर शुक्रवार के दिन से टी-20 सीरीज की शुरुआत हो रही है। जहां आईसीसी ने एक बड़ा ऐलान किया है, वेस्टइंडीज अपने इस भारत दौरे में टी-20 और वनडे सीरीज खेलेगा, दोनों ही सीरीज तीन-तीन मैच के हैं, और इस दौरान आईसीसी ने जो ऐलान किया है उसके मुताबिक एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, दरअसल दोनों टीमों के बीच होने वाले इस सीरीज में फ्रंट फुट नो बॉल का फैसला मैदानी अंपायर की जगह पर थर्ड अंपायर करेंगे। आईसीसी ने इसकी घोषणा भी कर दी है।
आईसीसी ने कहा है फिलहाल इस निमय को ट्रायल के तौर पर लागू किया जाएगा, भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीन टी-20 इंटरनेशनल के बाद इतने ही मैच की वनडे सीरीज भी खेली जाएगी, सीरीज की शुरुआत शुक्रवार को हैदराबाद में खेले जाने वाले टी-20 से होगी। साथ ही आईसीसी ने ये भी कहा है कि इस पूरे ट्रायल के दौरान थर्ड अंपायर गेंदबाज की हर गेंद की निगरानी करने और ये पहचानने के लिए जिम्मेदार होगा कि क्या कोई फ्रंट फुट उल्लंघन हुआ है, अगर सामने के पैर में कोई उल्लंघन हुआ है तो थर्ड अंपायर ऑन फील्ड अंपायर से बातचीत करेगा, जिसे बाद में नो बॉल करार कर दिया जाएगा।
साथ ही आईसीसी ने ये भी कहा है कि करीबी कॉल में संदेह का फायदा गेंदबाज के पास होगा। आईसीसी ने कहा है कि अगर फैसला देने में देरी होती है तो मैदान पर मौजूद अंपायर आउट का फैसला बदलेगा अगर उचित हुआ तो और नो बॉल करार देगा, बाकी सभी फैसलों के लिए पहले की तरह मैदानी अंपायर ही जिम्मेदार होगा। आईसीसी ने आगे कहा है कि इस ट्रायल को नो बॉल सटीकता को जांचने के पैमाने के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा, साथ ही ये भी देखा जाएगा कि इससे खेल की रफ्तार पर कोई नकारात्मक असर तो नहीं पड़ता है।