रायपुर. चंद्र ग्रहण का समय भारतीय समय के अनुसार अगर दुनिया में चंद्र ग्रहण की शुरुआत 8 नवंबर को दोपहर में 02:39 मिनट पर होगी. लेकिन भारत में ग्रहण चंद्रोदय के समय से दिखाई देगा. Chandra Grahan पर 200 साल बाद दो अशुभ योग बन रहे हैं, जो कुछ राशियों पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं.

भारत में चंद्र ग्रहण की शुरुआत शाम 05:29 को शुरू होगा और शाम को 06:19 बजे तक समाप्तत हो जाएगा. पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों: में लोग पूर्ण Chandra Grahan के गवाह बनेंगे. वहीं देश के बाकी हिस्सों में लोगों को केवल ग्रहण का आंशिक चरण ही नजर आएगा.

भारत समेत कहां-कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण?

साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत समेत उत्तरी-पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, हिन्द महासागर, उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्सों से दर्शनीय होगा. दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप और अफ्रीका महाद्वीप से कोई ग्रहण दिखाई नहीं देगा. Read More – टल गई फिल्म Adipurush की रिलीज डेट, नई डेट अनाउंस करने हुए मेकर्स ने कहा – वादा किया था …

चंद्र ग्रहण 08 नवंबर को लगेगा और भारत में दृश्यमान होगा. इस चंद्र ग्रहण को बेहद खास माना जा रहा है. साल के आखिरी चंद्र ग्रहण के मौके पर ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है. सूर्य ग्रहण के बाद अब साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने वाला है. ये चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगेगा. साल के आखिरी चंद्र ग्रहण के मौके पर ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है.

आइए जानते हैं कि आगामी चंद्र ग्रहण पर ग्रहों की चाल कैसी रहने वाली है. चंद्र ग्रहण पर ग्रहों की चाल चंद्र ग्रहण के दिन ग्रहों के सेनापति मंगल, शनि, सूर्य और राहु आमने-सामने होंगे. ऐसे में भारत वर्ष की कुंडली में तुला राशि पर सूर्य, चंद्रमा, बुध और शुक्र की युति बन रही है. इसके अलावा, शनि कुंभ राशि में पंचम और मिथुन राशि में नवम भाव पर मंगल की युति विनाशकारी योग बना रही है. चंद्र ग्रहण का ऐसा संयोग बहुत ही अशुभ माना जा रहा है.

वहीं, शनि और मंगल के आमने-सामने होने की वजह से षडाष्टक योग, नीचराज भंग और प्रीति योग भी बन रहा है. ऐसे में चंद्र ग्रहण के दौरान लोगों को बहुत संभलकर रहने की सलाह दी जा रही है. चंद्र ग्रहण के समय मंगल और बृहस्पति जैसे प्रमुख ग्रह वक्री अवस्था में रहेंगे. ज्योतिष शास्त्र में किसी ग्रह के वक्री होने का मतलब उसकी उल्टी चाल से होता है.

कितने बजे से लगेगा सूतक चंद्र ग्रहण भारत के तमाम हिस्सों में दिखेगा, ऐसे में सूतक काल भी मान्य होगा. चंद्र ग्रहण से ठीक 9 घंटे पहले चंद्र ग्रहण लग जाता है. ऐसे में भारत में सूतक काल की शुरुआत 8 नवंबर की सुबह 8 बजकर 29 मिनट से हो जाएगी. सूतक काल में कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है.

जानिए वो नियम

सूतक लगने के बाद सिलाई कढ़ाई का काम न करें. गर्भवती महिलाएं विशेष ध्यान रखें. गर्भवती महिलाएं सूतक से लेकर ग्रहण समाप्त होने तक बाहर न निकलें और अपने पेट पर सूतक लगने से पहले ही गेरू लगा लें. सूतक काल में भोजन से परहेज करें, लिक्विड डाइट ले सकते हैं.

गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए ये नियम लागू नहीं होता है. खाना न बनाएं और चाकू, कैंची आदि का प्रयोग करने से परहेज करें घर के मंदिर में पूजा न करें. मानसिक जाप करना शुभ होता है, वो कर सकते हैं. खाने की वस्तु में तुलसी का पत्ता डालें. लेकिन उसे सूतक से पहले ही तोड़ लें. Read More – राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस : 80 फीसदी महिलाओं को पता ही नहीं चलता उन्हें कैंसर है, लाइफस्टाइल से बढ़ रही रोगियों की संख्या …

किन राशियों पर ज्यादा प्रभाव?

08 नवंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण का पांच राशियों पर सबसे ज्यादा असर होगा. इसलिए इन राशि के जातकों को बहुत संभलकर रहने की सलाह दी जा रही है. चंद्र ग्रहण के दिन वृष, मिथुन, कन्या, तुला और वृश्चिक राशि के जातकों को बहुत संभलकर रहना होगा. इन जातकों को सेहत, आर्थिक, करियर और कारोबार के मोर्चे पर नुकसान झेलना पड़ सकता है.

कितने बजे लगेगा चंद्र ग्रहण?

भारतीय समयानुसार, साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 को शाम 5 बजकर 32 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. ऐसे में चंद्र ग्रहण का सूतक काल सुबह 9 बजकर 21 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगा.

भारत समेत कहां-कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण?

साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत समेत उत्तरी-पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, हिन्द महासागर, उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्सों से दर्शनीय होगा. दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप और अफ्रीका महाद्वीप से कोई ग्रहण दिखाई नहीं देगा.

ग्रहण पर शनि और मंगल के आमने-सामने होने से अशुभ संयोग

  • ज्‍योतिषाचार्य आचार्य के अनुसार ग्रहण पर शनि और मंगल के आमने-सामने होंगे.
  • इस कारण षडाष्टक और नीचराज भंग अशुभ योग बन रहा है.
  • यह योग मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगेगा.

चंद्र ग्रहण पर 200 साल बाद बना ये अशुभ योग, जानें किन राशियों पर असर

ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है. साल का पहला चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि में लग रहा है, इसलिए इसका सर्वाधिक प्रभाव वृश्चिक राशि के लोगों पर देखने को मिला. वृश्चिक के साथ चंद्र गहण का प्रभाव वृष और कर्क राशि पर भी अधिक रहा.