दिल्ली. जकार्ता में इन दिनों एशियाई गेम्स चल रहे हैं. इन खेलों में भारत के एथलीट हर दिन कोई न कोई कारनामा कर इतिहास बना रहे हैं. इन खिलाड़ियों के संघर्ष औऱ हिम्मत की कहानियां भी ऐसे में बाहर निकलकर आ रही हैं.

ऐसी ही दिलचस्प कहानी भाला फेंक में देश को गोल्ड मेडल दिलाने वाले एथलीट नीरज चोपड़ा की है. जिसे सुनकर हरकोई कह उठेगा, ‘वाह खिलाड़ी वाह’. दरअसल, नीरज चोपड़ा अपनी बहन संगीता से बेहद प्यार करते हैं. संगीता ने रक्षाबंधन के दिन अपने भाई नीरज चोपड़ा से कहा था कि उनको गोल्ड मेडल गिफ्ट में चाहिए. फिर क्या था, भाई ने बहन की बात का मान कुछ यूं रखा कि रक्षाबंधन के अगले ही दिन अपनी बहन को एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल लाकर दे दिया.

दरअसल, नीरज चोपड़ा की बहन संगीता उनसे छोटी हैं औऱ वे उन्हें बेहद लाड करते हैं. संगीता बताती हैं कि रक्षाबंधन के दिन मैंने जकार्ता में मौजूद अपने भाई से कहा कि मैं इस रक्षाबंधन आपको देश से बाहर होने के कारण राखी नहीं बांध पाऊंगी. भैय्या मुझे आपसे रुपये या किसी तरह का कोई गिफ्ट नहीं चाहिए. मुझे सिर्फ गोल्ड मेडल चाहिए. मेरे लिए राखी का सबसे बड़ा गिफ्ट यही होगा.

बस, फिर क्या था. अपनी बहन की ख्वाहिश पूरी करने को भाई नीरज ने जी-जान लगा दी औऱ अगले ही दिन भाला फेंक में नया राष्ट्रीय कीर्तिमान बनाते हुए एशियन गेम्स का गोल्ड मेडल देश के साथ-साथ अपनी बहन की झोली में डाल दिया. नीरज अपनी बहनों को इस कदर प्यार करते हैं कि एक बार सिर्फ अपनी बहन से राखी बंधवाने की खातिर वो पटियाला के स्पोर्ट्स एकेडमी से रात को राखी बंधवाने अपने घर पहुंचे.

नीरज के इस रिटर्न गिफ्ट से न सिर्फ उनकी बहन औऱ परिवार बेहद खुश है बल्कि पूरा देश इस एथलीट के कारनामे से गौरवान्वित है. वाकई में खिलाड़ियों का यही जुझारूपन औऱ साहस उन्हें भीड़ से अलग खड़ा करता है. नीरज की इस कहानी को जानने के बाद हरकोई उनकी तारीफ कर रहा है.