लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में सवित्री बाई फूले एक ऐसा नाम है, जिसकी चर्चा लंबे समय से हो रही है. कभी भाजपा का हिस्सा रहीं सावित्री ने लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था. लेकिन मोदी लहर में कांग्रेस के धराशाई होने के साथ सावित्री भी अपना सीट भी नहीं बचा पाईं थीं. अब उन्होंने कांग्रेस पार्टी से भी किनारा कर अपनी नई पार्टी बनाने की राह पर हैं.

सावित्री बाई फूले ने मीडिया को बताया कि वह भारत का संविधान लागू करने, आरक्षण कोटा पूरा करो और ईवीएम हटाओ और बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने को लेकर आंदोलन करना चाह रही थी. इस संबंध में उन्होंने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से चर्चा की. इस पर प्रियंका गांधी ने उनसे कहा कि संविधान को लागू कराना, आरक्षण कोटा पूरा कराना और उनकी सरकार द्वारा लाए गए ईवीएम को लेकर वे विरोध नहीं कर सकतीं. इस जवाब के बाद उन्हें लगा कि कांग्रेस और बीजेपी में कोई अंतर नहीं है. जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है.

अब 19 जनवरी को लखनऊ को रविंद्रालय में अधिवेशन बुलाया है, जहां नमो बुधाए जन सेवा समिति के बैनर तले अधिवेशन में राजनीतिक संगठन की घोषणा करुंगी. स्वतंत्र होकर अपना संगठन बनाकर बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय का आंदोलन, गौतम बुद्ध और बाबा साहेब आंबेडकर का आंदोलन को गति बनाकर अपनी पार्टी बनाकर आंदोलन करुंगी.