रायपुर. राज्य सरकार शिक्षा पर खूब खर्च कर रही है. इसमें कोई बुराई नहीं है. सरकार की कोशिशों की तारीफ की जानी चाहिए कि वो ग्रामीण इलाकों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए प्रयासरत है. खास बात ये है कि सरकार की कोशिशों का असर भी दिखना शुरु हो गया है. लल्लूराम डॉट कॉम सिर्फ सरकार का ध्यान ऐसे गांव की तरफ दिलाना चाह रहा है जो आजादी के 70 साल बाद भी रौशनी से दूर है.
राज्य में एक गांव ऐसा भी है जो सरकार की कोशिशों के बाद भी अंधेरे में डूबा है. गांव के बच्चे सिर्फ बिजली न होने के कारण पढ़ नहीं पा रहे हैं. इतने गरीब औऱ लाचार लोगों की सुनने वाला कोई नहीं हैं. इनकी पहुंच सत्ता के गलियारों तक नहीं है तो इनकी कोई सुनता भी नहीं है.

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के ‘त्रिशुली’ गांव के बच्चे आज भी अनपढ़ होने का दंश झेलने को मजबूर हैं. वजह है इस गांव में आजादी के सत्तर साल बाद भी बिजली का न होना. गांव के लोग अपने-अपने स्तर से नेता और अधिकारियों से अपना दर्द कह चुके हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है.
गांव के छात्रों का कहना है कि सरकार ने मिडिल स्कूल खोल दिए हैं लेकिन उन तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है. बिजली न होने की वजह से गांव के सारे बच्चे ‘दीया’ जलाकर पढ़ने को मजबूर हैं. जिसमें न तो बच्चों की पढ़ाई हो पाती है औऱ सिरदर्द औऱ आंखों में दर्द शुरु हो जाता है.


इस गांव के बच्चे किस कदर दर्दनाक जिंदगी जी रहे हैं. उसका उदाहरण सिर्फ इस बात से समझा जा सकता है कि इस गांव में किसी ने भी मैट्रिक की परीक्षा तक पास नहीं की है. सिर्फ गांव का एक छात्र मैट्रिक परीक्षा को पास करने की तैय्यारियों में जुटा है. इस बच्चे की पूरी कोशिश है कि कम से कम ये गांव में लगे इस दाग को धो दे कि गांव में कोई भी मैट्रिक पास नहीं है.
गांव के लोगों ने अधिकारियों को इस बारे में कई पत्र लिखे लेकिन किसी ने उनकी समस्या सुनने की जहमत नहीं उठाई. गांव के लोगों को अधिकारियों और नेताओं ने सिर्फ आश्वासन दिया कि उनके गांव में बिजली आ जाएगी लेकिन आज तक नहीं आई.


खास बात ये है कि त्रिशुली गांव सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और सांसद रामविचार नेताम के घर से सिर्फ औऱ सिर्फ 15 किलोमीटर की दूरी पर है. भले भारतीय जनता पार्टी की सरकार दावा करती हो कि उसने देश के ज्यादातर गांवों को रौशन कर दिया है लेकिन त्रिशुली जैसे गांव आज भी कहानी कहते हैं कि देश में कई हिस्से ऐसे हैं जहां उजाला अभी तक नहीं पहुंचा है.
हम यानि लल्लूराम डॉट कॉम छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह से त्रिशुली गांव के लोगों और उस गांव के होनहार बच्चों की तरफ से अपील करते हैं कि सीएम साहब आपके लिए एक अंधेरे में डूबे गांव को रौशन करना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है. तो, सीएम सर इस गांव के लोगों की जिंदगी में रौशनी भर दीजिए न. होनहार बच्चों की एक पूरी पीढ़ी आपकी शुक्रगुजार रहेगी और एक गांव भी. सुन रहे हैं न सीएम साहब.