रायपुर। सरगुजा जिले के उदयपुर तहसील के हजारों ग्रामीणों ने कुछ एनजीओं के खिलाफ उन्हे दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाया है, उनका कहना है कि ग्रमीणों के रोजगार और क्षेत्रीय विकास कार्यों में अड़चन डाली जा रही है और साथ ही ग्रामीणों का आरोप है कि जोर-जबरदस्ती कर चंदा भी वसूल किया जा रहा है। जिसको लेकर गुस्साए ग्रामीणों ने आज यानि कि बुधवार को सरगुजा कलेक्टर को पत्र लिखकर इस बात से अवगत कराया है. साथ ही इस पत्र की प्रतिलिपि राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को भी उपल्ब्ध कराकर कार्रवाई की मांग की है.

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ग्रामीणों का आरोप है कि छत्तीसगढ बचाओ आंदोलन एवं हसदेव अरण्य संघर्ष समिती जैसे एनजीओ उनके क्षेत्र के विकास में बाधा डाल रहे हैं. साथ ही गलत जानकारी देकर इससे संबंधित दुष्प्रचार भी कर रहे है. इन दोनों एनजीओ पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है.

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पत्र में लिखा गया है कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आबंटित परसा केंते कोयला खदान के विकास और संचालन का कार्य विगत 10 वर्षों से किया जा रहा है. जिससे हजारों स्थानीय युवाओं एवं व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं. वहीं स्थानीय स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, तथा कौशल विकास के साथ साथ क्षेत्र की महिलाओं के लिए महिला उद्यमी बहुउद्देशीय सहकारी समिति का संचालन से क्षेत्र का विकास हो रहा है.

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हजारों ग्रामीणों ने पत्र के माध्यम से यह भी अवगत कराया है कि छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन एवं हसदेव अरण्य समिती जैसे तथाकथित एनजीओ द्वारा कुछ बाहरी व्यक्तियों को जोड़कर शासन प्रशासन के बिना अनुमति के भीड़ इक्कठा कर रहे हैं. वहीं गांव के लोगों को गलत जानकारी देकर दिग्भ्रमित व जोर जबरदस्ती कर चंदा भी वसूल किया जा रहा है. इसकी वजह से सभी ग्रामों के बीच आपसी सौहाद्र, लोगों के स्वास्थ और ग्रामों की संस्कृति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.