रायपुर. राजधानी में फिर एक बार हर तरफ कलयुगी रिश्ते की शोर सुनाई दे रही है. दरअसल सरस्वती नगर थाना क्षेत्र में माँ-बेटे के पवित्र और अटूट रिश्ते को शर्मसार करने वाला मामला प्रकाश में आया है. तीन कलयुगी बेटों ने अपना नया आशियाना बना लिया और साजो-सामान नए मकान में शिफ्ट कर लिए मगर बीमार माँ को ले जाना भूल गए…! पैरालिसिस की बीमारी से पीड़ित माँ कई दिनों तक पुराने मकान मारुति हाईट्स में कैद होकर रह गई.

मामले की जानकारी किसी तरह जब सामाजिक कार्यकर्ताओं को मिली वे तत्काल पुराने मकान पहुंचे. इस बात की सूचना सरस्वती नगर थाना पुलिस को भी दी गई. सरस्वती नगर थाना के प्रशिक्षु डीएसपी विक्रांत राही अपनी टीम के साथ मामले की तस्दीक के लिए पहुंचे. सामाजिक कार्यकर्त्ता ममता शर्मा ने भूख से तड़पती मकान में कैद माँ को भोजन कराया. उनके बेटों ने गलती स्वीकार की है. और माँ को नए मकान में ले जाने की बात कही. बेटों से थाने में बांड भी भरवाया गया है कि वे दोबारा इस तरह माँ को मरने के लिए अकेले न छोड़ें.

वही माँ की ममता इसके बावजूद देखने लायक थी. माँ ने किसी भी बेटे के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की. माँ ने बेटों के साथ ही रहने की इच्छा जाहिर की. मामले की संवेदना को समझते हुए फिलहाल सरस्वती नगर थाना पुलिस ने सीनियर सिटीजन सेल को इस बात की सूचना दे दी गई है. प्रशिक्षु डीएसपी विक्रांत राही ने बताया कि इस मामले पर माँ द्वारा किसी तरह की कोई शिकायत नहीं आने पर कोई धारा कायम नहीं हुआ है मगर समय-समय पर सीनियर सिटीजन सेल पीड़ित माँ से मिलकर हालचाल जानते रहेंगे.