अटल शुक्ला,सीधी। उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से सीधी के संजय टाइगर रिजर्व में 3 वर्ष 1 माह की एक बाघिन को लाकर छोड़ा गया है. अब जिन क्षेत्रों में बाघ का कुनबा भी बढ़ेगा. दरअसल यह बाघिन कुसमी, सोनगढ़, रूद्र और भदौरा क्षेत्र के बीच अपना ठिकाना बनाएगी जहां भालू, चीतल समेत अन्य जंगली जानवर पाए जाते हैं, लेकिन बाघ स्थायी रूप से नहीं रह रहे थे. बता दें कि संजय टाइगर रिजर्व में व्यस्क बाघों के साथ 5 से 11 माह तक के 7 शावक हैं. अब संजय टाइगर रिजर्व दुबरी में बाघों का कुनबा बढ़ेगा.
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बांधगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया के बहेररा से मादा बाघिन का मादा बाघ का रेस्क्यू कर उसका स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद राज्य वन अनुसंधान जबलपुर के डॉ अनिरूद्ध मजुमदार ने बाघिन को रेडियो कालर पहना कर कुसमी लाकर शाम को छोड़ा गया.
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बता दें कि बुधवार को डॉ अनिरूद्ध मजुमदार द्वारा मादा बाघ के ट्रैकिंग के लिए मोहन, भुईमाड़, टमसार एवं पोंड़ी परिक्षेत्र के वन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया. जल्द ही एक नर बाघ भी कुसमी के जंगल में छोड़ा जाएगा, ताकि इस क्षेत्र में बाघों की संख्या में वृद्धि हो सके. बाघों की संख्या में वृद्धि होने से पर्यटन बढ़ेगा. जिससे स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध होगा.
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