बिंदेश पात्र, नारायणपुर। आमदई खदान को बंद करने की मांग को लेकर बीते 30 घंटों से नारायणपुर-ओरछा मार्ग पर धौड़ाई में सात जिलों के आदिवासी चक्काजाम करके डटे हुए है. आंदोलन में आदिवासियों का साथ देने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम मौके पर पहुंचे और उनकी मांगों से सहमति जताते हुए जिला प्रशासन के रवैये को गलत बताया.

नारायणपुर-ओरछा मार्ग पर डटे ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उन्हें आदमई खदान को बंद करने का पूर्ण आश्वासन नहीं दिया जाता तब तक हम लगातार यहां डटे रहेंगे. बिना ग्रामीणों के जन सुनवाई कर अधिकारी और निको कम्पनी अपनी मनमानी कर रहे हैं. खदान के खुलने से वातावरण प्रदूषित होने के साथ-साथ हमारे देवी-देवता स्वरूप इन पहाड़ की हम खोदाई करने नहीं देंगे. वहीं पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम के साथ नारायणपुर जिले के आदिवासी नेता धरना स्थल पहुंचे और ग्रामीणों की बातें सुनी.

अरविंद नेताम ने कहा कि ग्राम पंचायत के अनुमोदन बिना लिए बन्द कमरे में जनसुनवाई करना गलत है. निको कम्पनी को फायदा पहुंचाने अधिकारी दलाली का काम कर रहे है. ग्रामीणों के आंदोलन को लेकर जिला प्रशासन का जो रवैया है, जो कि काफी गलत है. क्या कलेक्टर यहां के ग्रामीणों को अबूझ ही समझते है.

हजारों ग्रामीणों की बात सुनने पहुंचे नायाब तहसीलदार

आमदई खदान में काम बंद कराने की मांग को लेकर दो दिनों से नारायणपुर-ओरछा मार्ग पर कड़कड़ाती ठंड में डटे आदिवासियों के प्रति जिला प्रशासन का रवैया उदासीन नजर आया. आदिवासी अपनी बात कलेक्टर, एसपी या फिर विधायक के सामने रखना चाहते थे, लेकिन उनकी बातों को सुनने के लिए प्रशासन ने नायब तहसीलदार को भेज दिया गया, जिससे नाराज आदिवासी ने एक स्वर में कहा कि आवेदन दे देकर हम थक गए हैं, अब हमारी मांग पर जल्द कार्रवाई होनी चाहिए, जिसके लिए हमें भले कितने ही दिन यहां सड़क पर क्यों ना बैठना पड़े.