दिल्ली. 11 सितंबर (9/11) का दिन एक दुखद घटना को याद दिलाता है. ये वो तारीख है, जिसने दुनिया का इतिहास बदल कर रख दिया है. मुट्ठीभर आतंकवादियों ने दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के सीने पर इस दिन हुए घातक आतंकी हमले ने एक ऐसा जख्म दिया, जिसकी टीस रहती दुनिया तक कायम रहेगी.

वहीं, आज इस हमले की 20वीं बरसी है. ऐसी दर्दनाक दास्तान के 20 साल बाद भी उसके दिए जख्मों की शिनाख्त हो रही है. इस मौके पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ट्वीट कर अमेरिकियों को एक संदेश दिया है.

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एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है- जो बाइडेन

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस हमले को याद करते हुए कहा – ‘’11 सितंबर 2001 के 20 साल बाद भी हम 2977 लोगों को याद करते हैं, जिन्हें हमने खो दिया है. हम इन लोगों का सम्मान करते हैं. जैसा कि हमने आने वाले दिनों में देखा, एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है. यही हमें बनाता है कि हम कौन हैं और हम इसे कभी नहीं भूल सकते.’’

तालिबान राज में फिर हो सकते हैं ऐसा ही आतंकी हमला- ब्रिटेन

गौरलतब है कि ब्रिटेन ने तालिबान से वैसे ही हमले के खतरे की आशंका जताई है. ये चेतावनी ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI-5 के प्रमुख केन मैक्कलम ने दी है. उन्होंने कहा है कि तालिबान राज में आतंकवाद बढ़ सकता है. 9/11 जैसे आतंकी हमले फिर हो सकते हैं.

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वहीं, इस हमले की बरसी पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने बयान जारी किया और आतंकवाद को हर तरह से रोकने और उनका मुकाबला करने की प्रतिबद्धता दोहराई. वहीं, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति न्यूयॉर्क के ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि 9/11 स्मारक हमें आतंकवाद से लड़ने और सामूहिक संकल्प की याद दिलाता है.

अमेरिका के इतिहास के सबसे बड़े आतंकी हमला है 9/11

बता दें कि साल 2001 को 11 सितंबर के दिन अल कायदा के आतंकवादियों ने यात्री विमानों को मिसाइल की तरह इस्तेमाल करते हुए अमेरिका के मशहूर वर्ल्ड ट्रेड टॉवर और पेंटागन को निशाना बनाया. इसे अमेरिका के इतिहास के सबसे बड़े आतंकी हमले के तौर पर देखा जाता है.