नई दिल्ली। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को यानि की आज महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और चांद देखकर अपना व्रत तोड़ेंगी. इस बार का करवाचौथ खास है क्योंकि ऐसा योग पूरे 5 साल बाद बन रहा है. जानकारों के अनुसार आज रात 11 बजकर 35 मिनट तक वरियान योग रहेगा. वरीयान योग मंगलदायक कार्यों में सफलता प्रदान करता है. इसके साथ ही देर रात 1 बजकर 2 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा. माना जा रहा है कि ऐसा योग करीब 5 साल बाद बन रहा है. हम आपको बताते हैं करवाचौथ की पूजा विधि, मुहुर्त और 16 श्रृंगार.

करवा चौथ का शुभ मुहूर्त

चतुर्थी तिथि प्रारम्भ:  24 अक्टूबर तड़के 3 बजकर 2 मिनट से शुरू

चतुर्थी तिथि समाप्त: 25 अक्टूबर सुबह 5 बजकर 43 मिनट तक
चन्द्रोदय: शाम 7 बजकर 51 मिनट पर होगा।

पूजन के लिए शुभ मुहूर्त: 24 अक्टूबर 2021 को शाम 6 बजकर 55 से लेकर 8 बजकर 51 तक रहेगा।

करवाचौथ के लिए 16 श्रृंगार

लाल रंग के कपड़े या फिर जिस रंग के आउटफिट्स पहनना चाहती हैं। इसके साथ ही सिंदूर, मंगलसूत्र, बिंदी, नथनी, काजल, गजरा, मेहंदी, अंगूठी, चूड़ियां, कर्णफूल (ईयररिंग्स), मांग टीका, कमरबंद, बाजूबंद, बिछिया, पायल

की जाती है इन भगवान की पूजा

आज के दिन भगवान शिव, गणेश जी और स्कन्द यानि कार्तिकेय के साथ बनी गौरी के चित्र की सभी उपचारों के साथ पूजा की जाती है। इस व्रत को करने से जीवन में पति का साथ हमेशा बना रहता है, सौभाग्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

करवा चौथ की पूजा विधि

  • करवा चौथ के दिन सुबह जल्दी नहाकर स्वच्छ वस्त्र पहन लें. तैयार हो कर करवा चौथ के व्रत का संकल्प लें.
  • व्रत का संकल्प लेने के बाद ‘मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये’ इस मंत्र का जाप करें.
  • अब करवे में जल भरकर करवा चौथ व्रत की कथा सुनें या पढ़ें. करवा चौथ की पूजा के दौरान मां पार्वती को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं और सुंदर वस्त्रों और श्रृंगार की चीजों से उन्हें सजाएं. फिर पूरे मन से भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करें. चंद्रमा दिखने बाद उसकी पूजा कर अर्घ्य दें.
  • करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत रखें और जलपान ना करें.
  • पूजा खत्म होने के पति के हाथ से पानी पीकर या निवाला खाकर अपना व्रत/उपवास खोलें. पूजा के बार घर के बड़ों का पैर छू कर आशीर्वाद लें.