कुमार इंदर, जबलपुर। गरीब परिवार की बच्ची को पढ़ाने लिखाने के नाम पर अपने साथ ले जाकर उसे बेंगलुरु मैं बंधक बनाकर प्रताड़ित करने के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए बच्ची को 1 हफ्ते के अंदर कोर्ट में प्रस्तुत करने के आदेश दिया है। दरअसल पीड़ित बच्ची के पिता ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर यह गुहार लगाई थी कि, जबलपुर के ग्वारीघाट निवासी सत्येंद्र शर्मा उनकी बच्ची को पढ़ाने लिखाने के नाम पर अपने घर ले गया था। लेकिन कुछ दिनों बाद बच्ची को अपने बेटी दामाद के घर बेंगलुरू भेज दिया। वहां उसकी बच्ची को पढ़ाई लिखाई कराना तो दूर उल्टे उसे बंधक बनाकर न केवल उसे टॉर्चर किया जाता है बल्कि उससे घर का काम भी कराया जा रहा है।

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बच्ची के माता-पिता ने इस बात की शिकायत वहां के स्थानीय पुलिस अधिकारियों को भी दी लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं की गई। इसके बाद पीड़ित परिवार ने हाई कोर्ट दरवाजा खटखटाया।

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अधिवक्ता ब्रह्मानंद पांडे और विपुल वर्धन जैन ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता का इंद्रपुरी कॉलोनी ग्वारीघाट निवासी सत्येंद्र शर्मा से परिचय हुआ। इसके बाद पीड़ित के पिता ने बातचीत के दौरान सतेंद्र शर्मा को बताया कि उसकी 6 संतान है और उसकी आय कुछ भी नहीं है। इस बात का फायदा उठाकर आरोपी सतेंद्र शर्मा ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह उसकी एक बच्ची को पढ़ा लिखा सकता है। यही वादा करके आरोपी सतेंद्र शर्मा बच्ची को अपने घर ले गया और कुछ दिनों बाद उसे अपनी बेटी दामाद के घर बेंगलुरु भिजवा दिया। वहां बच्ची को बंधक बनाकर ना केवल उससे काम कराया जा रहा है बल्कि उसके साथ मारपीट भी की गई।

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