सुशील सलाम,कांकेर. आदिवासी लड़की से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश ने दो युवकों को दोषी मानते हुए एक अहम फैसाल सुनाया है. विशेष सत्र न्यायाधीश हेमंत श्रॉफ ने इन दो युवको को आजीवन कारावास की सजा दी है. घटना 14 से 16 सितंबर 2016 के बीच की बताई जा रही है.

शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक पखांजूर थाना क्षेत्र के डोटोमेटा गांव में रहने वाली 15 साल की आदिवासी लड़की को 23 वर्षीय तपन विश्वास और 18 साल के गणेश हालदार ने खेत में काम कराने के बहाने बुलाया था. इसके बाद बारी बारी से दोनों युवकों ने किशोरी से दुष्कर्म किया. दोषी युवकों ने घटना के बाद जान से मारने की धमकी देकर लड़की को डराया धमकाया और तीन दिनों तक उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देते रहे. इसी इस बात की जानकारी युवती के परिजनों को लगी, जिसके बाद 17 सितंबर 2016 को किशोरी ने घरवालों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी. जिस पर पखांजूर पुलिस ने दोनों युवकों के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था.

इस मामले में सोमवार को विशेष न्यायाधीश हेमंत श्रॉफ की अदालत ने दोषी युवकों को धारा 376/2 (ढ) में दस साल के सश्रम कारावास की सजा और एक सौ रूपये जुर्माना लगाया. साथ ही 376 घ में 20 साल की सजा और एक सौ रूपये का जुर्माना लगाया. इसके अलावा धारा 506 दो में 6 महीने की सजा और सौ रूपये का जुर्माना लगाया. एट्रोसिटी एक्ट की धारा में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

शासकीय अधिवक्ता ईश्वर साहू के मुताबिक ये पहली बार है जब एट्रोसिटी एक्ट के तहत कांकेर जिले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.