बालोद। आदिवासी विकासखंड डौंडी के एक छोटे से गांव में रहने वाली 23 साल की आदिवासी बेटी राधिका हिडको ने इंटरनेशनल प्रतियोगिता में अपना छाप छोड़ दिया है. दो बार राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुकी हैं. उन्होंने इंटरनेशनल कराटे प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा दिखाई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रही विशाखापत्तनम में आयोजित प्रतियोगिता में बतौर खिलाड़ी दूसरा स्थान हासिल किया. भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता है. आदिवासी बेटी राधिका ने छत्तीसगढ़ समेत देश का नाम रोशन किया है.

वहीं, बांग्लादेश पहले स्थान पर था. स्वर्णभारती इंदौर स्टेडियम, विशाखापत्तनम में 5वीं अंतर्राष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में 9 देशों के लड़के और लड़कियां हिस्सा लीं. राधिका ने LALLURAM.COM से बातचीत में बताया कि वह बेहद गरीब परिवार से आती हैं. रोजाना की मेहनत ने यह मुकाम हासिल किया है.

राधिका ने कहा कि मेरे पिता चलने में असमर्थ हैं. इस कारण परिवार के भरण पोषण के लिए भी मुझे काम करना पड़ता है. साथ-साथ खेलो में भी मैं विशेष रुचि रखती हूं. कराटे के साथ-साथ कबड्डी भी प्रिय खेल है. गांव के बेटियों ओर छोटे भाइयों को मैं रोज प्रेक्टिस कराती हूं, ताकि बेटियां अपनी रक्षा कर सकें.

वहीं राधिका की इस जीत से गांव में खुशी का माहौल है. खुशी में फटाके भी फोड़े गए हैं. राधिका के आने का इंतजार और स्वागत की भी तैयारियां की गई है.

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