राम कुमार यादव, अंबिकापुर। आदिवासी हिंसा के खिलाफ फेसबुक पर पोस्ट शेयर करने के मामले में सरगुजा के पत्रकार मनीष सोनी के समर्थन में आदिवासी और सामाजिक संगठन सामने आए हैं। पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के विरोध में सोमवार को सैकड़ों की संख्या में आदिवासी नेता व सामाजिक कार्यकर्ता अंबिकापुर कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।

राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में पत्रकार मनीष सोनी के खिलाफ दर्ज किये गए एफआईआर को वापस लेने की मांग की है। ज्ञापन में आदिवासी नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर मनीष सोनी के खिलाफ लगाए गए आरोप वापस नहीं लिया गया तो वे आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में आदिवासी नेताओं के अलावा 5 समाज सेवी संगठन के लोग शामिल थे।

यह है मामला

मनीष सोनी ने आदिवासी हिंसा पर फेसबुक में एक पोस्ट लिखा था। जिसकी एक भाजपा नेता ने पुलिस में शिकायत की और इस मामले में पुलिस ने मनीष सोनी के खिलाफ कई गंभीर धाराएं लगाते हुए एफआईआर दर्ज किया था। आपको बता दें मनीष सोनी पुलिस कस्टडी में हुई आदिवासी युवक पंकज बेक के मामले को लगातारे उठाते रहे हैं। इस मामले में थाना प्रभारी सहित थाना के कई स्टाफ को आईजी ने सस्पेंड किया था।

डीजीपी ने दिये सीआईडी जांच के आदेश

गौरतलब है कि मनीष सोनी के खिलाफ गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज करने से प्रदेश भर के पत्रकारों में रोष है। इससे पहले राजधानी के पत्रकारों ने डीजीपी डीएम अवस्थी से मुलाकात कर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया था। पत्रकारों ने अंबिकापुर एसपी और थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। पत्रकारों की बात ध्यान से सुनने के बाद डीजीपी ने तत्काल मामले की सीआईडी से 15 दिन के भीतर जांच कराने के आदेश दिये थे और अंबिकापुर पुलिस को तत्काल केस की फाइल सीआईडी को सौंपने का आदेश दिया था।

सीआईडी करेगी सरगुजा में पत्रकार पर हुए मुकदमे की जांच, शिकायतकर्ता और पुलिस अधिकारी की भूमिका की भी होगी जांच