रायपुर। आदिवासी गोड़ राजा राय सिंह की ओर से निर्माण किए गए बूढ़ा तालाब और बुढ़ेश्वर महादेव को बचाने आदिवासी समाज ने मोर्चा खोल दिया है। समाज के नेताओं ने कहा कि पहले ज्ञापन और निवेदन किया जाएगा।

अगर सरकार की ओर से इस पर प्रयास नहीं किया गया तो फिर उग्र आंदोलन होगा। आदिवासी संस्कृतियों को खत्म करने की जो शहरी साजिश हो रही है उसके खिलाफ समाज के भीतर जमकर नाराजगी है।

समाज की अध्यक्ष राजलक्ष्मी ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के भीतर आदिवासियों की धरोहर को खत्म करने का एक पूरा सरकारी षड़यंत्र रचा जा रहा है। वहीं पूर्व आईएएस अधिकारी बीपीएस नेताम ने कहा कि आदिवासी लोग बड़े भोले होते हैं लिहाजा उनके साथ सरकार लगातार अन्याय कर रही है। लेकिन बुढ़ातालाब के नाम बदलने से लेकर उन्हें पाटने तक का जो सरकारी प्रयास हो रहा उसके खिलाफ अब समाज के लोग उग्र प्रदर्शन करेंगे।

गौरतलब है कि पर्यटन विभाग ने बूढ़ातालाब को मुंबई की एक निजी कंपनी को 1200 करोड़ रुपए में 30 साल की लीज पर दे दिया है। जिस कंपनी को लीज दिया गया है उसने इस ऐतिहासिक तालाब को पाटना शुरु कर दिया है। करीब 5-6 फीट तक मिट्टी डालकर तालाब को पाट कर दुकान का निर्माण किया जा रहा है।

आदिवासियों की इस तालाब से आस्था जुड़ी हुई है, वे इसे अपनी धार्मिक-सांस्कृतिक  धरोहर मानते हैं और अब इसे बचाने के लिए उन्होंने सरकार से लीज निरस्त करने की मांग की है, उन्होंने चेतावनी दी है कि सरकार लीज निरस्त नहीं करेगी तो वे अब तक का सबसे बढ़ा आंदोलन करेंगे।