शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश में जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) ने 2023 विधानसभा का चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. जयस के सम्मेलन में पदाधिकारियों ने यह फैसला लिया है. समाज से जुड़े नेता विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. समाज की आवाज उठाने वाले युवाओं को आगे लाया जाएगा. जयस ने 2018 में कांग्रेस का साथ दिया था, लेकिन अब खुद विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है.

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दरअसल राजधानी भोपाल के मानस भवन में जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) का बड़ा सम्मेलन आयोजित किया गया. जिसमें युवाओं के नेतृत्व को आगे बढ़ाने और विधानसभा चुनाव में जयस की भूमिका पर चर्चा हुई. मध्यप्रदेश में 20 फ़ीसदी से ज्यादा आदिवासी वोटर है. 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है. आदिवासी वोटर करीब 80 सीटों पर हार-जीत तय करते हैं.

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अब कांग्रेस विधायक जयस संरक्षक हीरालाल अलावा ने बयान दिया है कि 2023 विधानसभा चुनाव में जयस अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेगी. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ूंगा या नहीं यह जयस पदाधिकारी तय करेंगे. समाज से जुड़े नेता विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. समाज की आवाज उठाने वाले युवाओं को आगे लाया जाएगा.

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बता दें कि 2018 में जयस का कांग्रेस को साथ मिला था. 2018 में कांग्रेस को आदिवासी सीटों पर बड़ी जीत मिली थी. हीरालाल अलावा भी कांग्रेस से ही विधायक चुए गए थे. 47 आदिवासी आरक्षित सीटों में से कांग्रेस के खाते में 31 सीट आई थी. ऐसे में आदिवासी फैक्टर से लिहाज से इन वोटर्स की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी.

जयस के चुनाव लड़ने से नहीं होगा कांग्रेस को नुकसान

पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि जयस के चुनाव लड़ने से आदिवासी समाज को नुकसान होगा. आदिवासी वर्ग कांग्रेस के साथ है. आदिवासी हितों के लिए कांग्रेस ने कई काम किए है. कांग्रेस का संगठन मजबूत है, कोई फर्क नहीं पड़ेगा. कांग्रेस पार्टी ने हीरालाल अलावा को सम्मान दिया. कांग्रेस एकमात्र पार्टी जो सबको साथ लेकर चलती हैं.

जयस और कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे बट्टे

प्रदेश बीजेपी महामंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि पिछले बार भी यही कहता था, लेकिन चुनाव में कांग्रेस से हाथ मिला लिया था. आदिवासी वर्ग को बरगलाने का काम जयस करता है. दोनों को आदिवासी समाज से कोई लेना देना नहीं है.

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