तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने आगामी राष्ट्रपति चुनावों में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को अपना समर्थन देने का फैसला किया है. टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव ने सोमवार को ट्विटर पर इसकी घोषणा करते हुए कहा- केसीआर गारू ने भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी को समर्थन देने का फैसला किया है.

टीआरएस प्रमुख ने यह फैसला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता शरद पवार से फोन पर बात करने और सिन्हा की उम्मीदवारी के लिए उनके समर्थन का अनुरोध करने के कुछ दिनों बाद लिया है. इससे पहले टीआरएस ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष की रणनीति पर चर्चा करने के लिए 15 जून को राष्ट्रीय राजधानी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई बैठक से दूरी बना ली थी.

कांग्रेस को आमंत्रण देने पर नाखुश थी टीआरएस

टीआरएस ममता बनर्जी द्वारा कांग्रेस पार्टी को बैठक के लिए आमंत्रित करने से नाखुश थी. टीआरएस ने भाजपा और कांग्रेस दोनों से समान दूरी बनाए रखने के लिए अपने रुख का हवाला दिया. टीआरएस नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी ऐसे अभ्यास का हिस्सा नहीं हो सकता जिसमें कांग्रेस की भागीदारी हो.

टीआरएस ने बैठक पर उठाया था सवाल

टीआरएस नेताओं ने एक उम्मीदवार के पहले से ही चुने जाने पर बैठक बुलाने के उद्देश्य पर भी सवाल उठाया था. उन्हें लगा कि विपक्षी दलों को पहले सभी दलों को स्वीकार्य नेता के बारे में पहले ही चर्चा कर लेनी चाहिए थी और फिर बाद में ऐसे नेता को मना लेना चाहिए था. वे ममता बनर्जी के शरद पवार से विपक्षी उम्मीदवार बनने के अनुरोध का जिक्र कर रहे थे. हालांकि, राकांपा प्रमुख ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि वह सक्रिय राजनीति में बने रहना चाहते हैं.

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