चेन्नई. तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्टरलाइट कॉपर प्लांट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की फायरिंग में 13 लोगों की मौत के बाद वहां तनाव कायम है. तमिलनाडु सरकार ने सोशल मीडिया के जरिये अफवाह फैलने से रोकने और शांति बहाली के लिए तूतीकोरिन और उसके आसपास के तिरूनेलवेली और कन्याकुमारी जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है. संवेदनशील इलाकों में भारी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया है.

पुलिस फायरिंग के विरोध में मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके भी उतर आई है. डीएमके ने पुलिस गोलीबारी में नागरिकों की मौत और वर्तमान एआईएडीएमके सरकार के खिलाफ 25 मई को तमिलनाडु में राज्यव्यापी बंद बुलाया है. साथ ही पार्टी ने मांग की है स्टरलाइट प्लांट को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाए. गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने स्टरलाइट प्लांट में तांबा गलाने की नई यूनिट के निर्माण पर रोक लगा दी थी.

वहीं, दूसरी ओर गुरुवार को चेन्नई में तमिलनाडु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. तूतीकोरिन में 13 लोगों की मौत के बाद एमके स्टॉलिन अपनी पार्टी के अन्य नेताओं के साथ यहां धरने पर बैठे थे. स्टालिन को हिरासत में लेने के बाद डीएमके कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई है. डीएमके के हंगामे के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीसामी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में जो कुछ भी हुआ वो केवल इसलिए हुआ क्योंकि कुछ पार्टी, एनजीओ और असमाजिक तत्व प्रदर्शनकारियों को गलत रास्ते पर ले गए. पलानीसामी ने कहा अगर किसी पर हमला किया जाता है तो वो खुद के बचाव में कोई न कोई कदम उठाता है. यही कदम पुलिस ने मंगलवार को उठाया.

उधर, नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा तूतीकोरिन में प्रदर्शन के दौरान लोगों की मौत से मैं बहुत दुखी हूं. पीएम मोदी भी मामले को लेकर चिंतित हैं और मारे गए लोगों को लेकर दुखी हैं. हालात को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने इस मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. इससे पहले न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक हिंसा में शामिल होने के आरोप में अब तक 67 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं शहर में अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई है. ये सेवा बुधवार रात 9 बजे से बंद की गई है.

इस मामले में तमिलनाडु के एडवोकेट ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. इस याचिका में अपील की गई है कि एनएचआरसी पुलिस या मुख्यसचिव से रिपोर्ट मांगने की बजाय खुद तूतूकुड़ी जाए और अलग से जांच करवाए. कोर्ट शक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई कर सकता है. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने हिंसा की जांच के लिए मद्रास उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीशन के नेतृत्व में एक आयोग का गठन किया है.

सरकार ने तूतीकोरिन के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का तबादला भी कर दिया है. तूतीकोरिन के जिलाधिकारी एन वेंकटेश का स्थानांतरण कर उनकी जगह तिरूनलवेली के जिलाधिकारी संदीप नंदूरी को जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिला पुलिस अधीक्षक पी महेंद्रन का तबादला चेन्नई कर दिया गया है. उनकी जगह नीलगिरि जिला पुलिस अधीक्षक मुरली रंभा को नई जिम्मेदारी दी गई है. बड़े पैमाने पर हुई हिंसा का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है.