रायपुर. विकास की चिड़िया को ढूढ़ने का मुद्दा शांत ही नहीं हो रहा है. दरअसल यह जंग ट्विटर पर ही शुरू हुई थी जो लगातार जारी है. इसी क्रम में बीजेपी ने एक बार फिर ट्विटर वार कर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल पर निशाना साधा है.बीजेपी ने अपने आफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्विट करते हुए लिखा है कि भूपेश बघेल जी कुछ दिन तो दंतेवाड़ा में गुजारिये. बीजेपी ने आगे एक लोकोक्ति का इस्तेमाल भी किया है ”जिन खोजा तिन पईयां”यानी जो खोज रहे हैं वो मिल जाना. ऐसे में साफ है बीजेपी के इस लोकोक्ति का इस्तेमाल भूपेश पर तंज कसने के ही लिया किया है.  ऐसे में बीजेपी का सीधा अर्थ भूपेश के उस ट्विट से है जिसमें उन्होंने विकास की चिड़िया गुम होने जाने की बात कही थी.

.बीजेपी ने इसे सिध्द करने के लिए बस्तर के चिकित्सा महाविद्यालय का भी सहारा लिया है और आगे लिखा है “सड़क मार्ग से दंतेवाड़ा आते हैं तो सड़कों की खूबसूरती मन को आनंदित कर देती है. फिर शिक्षा के बड़े संस्थानों में बस्तर का चिकित्सा महाविद्यालय नजर आता है, जैसे ही आगे बढ़ते जाते हैं विकास के कई रूप दिखाई देतें हैं”.

गौरतलब है बीजेपी दंतेवाड़ा से ही अपने विकास यात्रा की शुरुआत कर रही है और उसके अगले ही दिन कांग्रेस भी विकास खोजो यात्रा की शुरुआत कर रही है. ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच जमकर ट्विटर पर घमासान जारी है. भूपेश बघेल पहले ही विकास की चिड़िया को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते रहे हैं. जिसका जवाब भी बीजेपी ने अपने ही अंदाज में एक पोस्टर जारी कर दिया है. जहां बीजेपी ने भूपेश खोजलम्बस नाम से संबोधित किया है. बीजेपी ने लिखा है “अब शायद खोजलम्बस को विकास मिल जाए”.

इसका जवाब भूपेश ने दिया है,भूपेश ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा है “हां, मैं खोजलम्बस हूं।.मैंने ही अंतागढ़ में लोकतंत्र का चीरहरण ढूंढ़ा, मैंने ही प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला ढूढ़ा. मैं ही ‘सीएम मैडम’ को ढूढूंगा और विदेशी खाते वाले अभिषाक सिंह की तलाश भी मैं ही करुंगा. सबके लिए उपयुक्त जेल भी मैंने ढूंढ़ रखा है.

ज्ञात हो भूपेश ने कुछ दिन पूर्व ही ट्विट किया था कि विकास की चिड़िया गायब है. अगर किसी को मिले तो उक्त पते जानकारी देवें. जिसके बाद से यह घमासान बदस्तूर जारी है. यहां तक की मुख्यमंत्री ने भी भूपेश को दंतेवाड़ा के सुदूर अंचलों की विकास देखने की भी बात कही थी.

आपको बता दें कि राज्य में इसी वर्ष चुनाव होना है. ऐसे में दोनों प्रमुख राजनैतिक दल सोशल मीड़िया का जमकर सहारा ले रही हैं. और कई मुद्दोें पर एक दूसरे पर निशाना साध रही हैं. हालांकि अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भूपेश को उनकी विकास की चिड़िया मिलती है या रमन सिंह उस चिड़िया के सहारे ही इस बार भी बाजी मार जाएंगे.