सतना। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस का प्रकोप बढ़ते ही जा रहा है. इंदौर, भोपाल और ग्वालियर के बाद सतना जिले में इसके मामले सामने आ रहे हैं. यहां कोठी ब्लॉक में ब्लैक फंगस के दो संदिग्ध मरीज मिलने की खबर है. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे दोनों मरीजों को 3 दिन के अंतराल में उच्चाधिकारियों की सलाह पर मेडिकल ऑफीसर डॉ. मयंक तिवारी ने रीवा मेडिकल कॉलेज रेफर किया है. दोनों मरीजों में कॉमन बात ये है कि दोनों कोरोना संक्रमित हो चुके थे और डायबिटिक भी हैं.

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मध्य प्रदेश के सतना जिले के ग्रामीण इलाके किटहा और खामा में संदिगध ब्लैक फंगल इन्फेक्सन के मरीज मिलने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है. जिले में जांच सुविधा न होने के चलते उन्हें मेडिकल कालेज रीवा रेफर किया गया है. 3 दिन पहले किटहा निवासी 40 वर्षीय युवक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे और डॉ. तिवारी से मिलकर बताया कि उनकी एक आंख और उसके ऊपर तेज दर्द हो रहा है. उन्होंने यह भी शिकायत की कि एक आंख उनकी धीरे बंद हो रही है. यह युवक कोरोना संक्रमित भी था और इनका ऑक्सीजन लेवल बेहद कम था. डॉक्टर को यह ब्लैक फंगस के लक्षण लगे तो उन्होंने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी. इसके बाद युवक को रीवा जाने की सलाह दी गई.

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वहीं बुधवार को भी खाम्हा निवासी 30 वर्षीय युवक कोठी सीएचसी जाकर डॉक्टर से मुलाकात कर बताया कि उसकी बाई आंख नहीं खुल रही और तेज दर्द हो रहा है. डॉक्टर ने उसे भी रीवा रेफर कर दिया. सूत्रों के मुताबिक जानकारी मिली कि दोनों युवक कोरोना संक्रमित होने और एसपीओ2 बेहद कम होने के बावजूद भर्ती नहीं हुए थे, लेकिन डॉक्टर की निगरानी में कोविड-19 की पूरी दवाइयां ले रहे थे. ऑक्सीजन लेवल 80 के आसपास होने की वजह से दोनों मरीजों को स्टॉरायड के हैवी डोज भी लगाए गए थे. दो बार उन्हें 80-80 एमजी स्टॉरायड के इंजेक्शन लगाए गए थे, इसके बाद टेबलेट फॉर्म में भी स्टॉरायड खिलाई गई थी. दोनों ही मधुमेह के रोगी हैं. ब्लैक फंगस की पुष्टि के लिए दोनों को रीवा रेफर किया गया है.

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