प्रदीप मालवीय, उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन में आज से पंडित प्रदीप मिश्रा की श्री शिवमहापुराण कथा शुरू हो गई है। पहले दिन ही लाखों श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे, जिसके चलते तीनों पंडाल खचाखच भर गए। सड़क पर भारी भीड़ भी देखने को मिली। कथा की शुरुआत में पंडित मिश्रा ने अवंतिका नगरी और महाकाल की महिमा का बखान करते हुए कहा कि यहां एक रात गुजारने से ही मनुष्य के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

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दरअसल, पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले की शिवमहापुराण कथा का आयोजन 4 से 10 अप्रैल तक उज्जैन के बड़नगर रोड स्थित मुल्लापुरा में किया जा रहा है। आयोजन समिति द्वारा कथा स्थल पर 5 लाख श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए तीन अलग-अलग डोम बनाए गए हैं। आज कथा के पहले दिन ही कथा सुनने के लिए देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे, जिसके चलते तीनों पंडाल श्रद्धालुओं से खचाखच भर गए। दोपहर करीब 2 बजे पंडित प्रदीप मिश्रा मंच पर पहुंचे और पूजन अर्चन के बाद कथा की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने महाकाल की महिमा बताते हुए कहा कि यहां से काल गणना की शुरुआत होती है और यदि किसी की घड़ी खराब हो जाए तो वह उसे कहीं भी ले जाए तो वह नहीं सुधरेगी। मगर महाकाल का दरबार ऐसा है जहां कैसी भी बंद घड़ी हो वह अपने आप सुधर जाती है।

पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि यहां किसी की भी नहीं चलती है। यहां सिर्फ बाबा महाकाल की चलती है। कथा के दौरान श्रद्धालु भजनों पर खूब झूमे और कथा का आनंद लिया। इधर आयोजन समिति के मुताबिक यदि श्रद्धालुओं के बैठने की जगह कम पढ़ती है तो इसके लिए अलग से पंडाल की व्यवस्था की जाएगी।

गर्मी से बचने के लिए खास इंतजाम

कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा की कथा सात दिन तक चलेगी। कथा के दौरान कई महिला पुरुष बच्चे गर्मी में परेशान होते रहे। हालांकि तीनो डोम में आगे गर्मी से बचने के लिए पंखे कूलर और फॉग की व्यवस्था की गई थी लेकिन पीछे बैठे लोग काफी परेशान होते रहे।

खुद कथा करा रहे महाराज

बता दें कि शिवमहापुराण कथा पं. प्रदीप मिश्रा खुद करवा रहे हैं। उन्होंने प्रण किया है कि देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में वे अपनी ओर से कथा का आयोजन करेंगे। 10 हजार वर्ग फीट की विशाल भोजनशाला का निर्माण किया गया है, ताकि कथा सुनने आने वाले श्रृद्धालुओं को निशुल्क भोजन प्रसादी मिल सकें।

कथा सुनाने से पहले महाकाल के किए दर्शन

कथा शुरू होने के दो दिन पहले यानि रविवार को ही पंडित प्रदीप मिश्रा उज्जैन पहुंच गए थे। सोमवार सुबह उन्होंने श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन करने के बाद पंडित प्रदीप मिश्रा नंदी हाल में बाबा महाकाल की भक्ति में लीन नजर आए थे।

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हम दो हमारे दो का फार्मूला अनुकूल नहीं

प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra)ने बाबा महाकाल दर्शन के बाद कल मीडिया से चर्चा करते हुए कहा था कि सनातन धर्म को मजबूत बनाने के लिए हम सबको आगे आना होगा। हिंदू धर्म के लिए हम दो हमारे दो का फार्मूला अनुकूल नहीं होगा।

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10 अप्रैल तक गर्भगृह में प्रवेश बंद

पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने लाखों भक्त पहुंच रहे हैं, ऐसे में महाकाल मंदिर में भीड़ उमड़ने की संभावना है। इसलिए मंदिर प्रशासन ने 3 अप्रैल से 10 अप्रैल तक गर्भगृह में प्रवेश बंद करने का फैसला लिया है, ताकि भक्तों को दर्शन करने में परेशानी ना हो।

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