प्रदीप मालवीय, उज्जैन। वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर उज्जैन (Ujjain) में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मोक्षदायिनी मां क्षिप्रा नदी (Kshipra river) में डुबकी लगाकर स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। साथ ही दान कर अपने गृहों की शांति की कामना की।

वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर पांच दिवसीय 118 किलोमीटर की पंचकोशी यात्रा हुआ। पंचकोशी यात्रा के समापन के साथ ही यात्रियों ने नगर प्रवेश किया। समापन पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने क्षिप्रा नदी में स्नान कर दान पुण्य कर अपने गृहों की शांति की कामना की।

पंडित राकेश गुरु ने जानकारी देते हुए बताया कि आज वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या है। जिसमें क्षिप्रा नदी पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है। वैशाख मास में शिवजी पर जलधारा चढ़ाने का बड़ा महत्व है।जिस प्रकार सावन मास में शिव जी पर जलधारा चढ़ाकर शिव जी को प्रसन्न किया जाता है। उसी प्रकार वैशाख मास में भी शिवजी पर जल चढ़ाने से बड़ा पुण्य मिलता है।

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वैशाख मास में उज्जैन शहर में पंचकोशी यात्रा की जाती है। जिसका अमावस्या पर समापन होता है। जिसमें दान पुण्य करने और क्षिप्रा में स्नान करने का पुराणिक महत्व है। इसके साथ ही आज सूर्य ग्रहण भी है जो भारत वर्ष में तो नहीं दिखेगा, लेकिन फिर भी धर्म को मानने वाले सभी लोग अपने इष्ट देवता की इस दौरान आराधना करेंगे। उसके बाद में दान पुण्य कर अपने ग्रहों की शांति के लिए प्रार्थना करेंगें । पंचकोशी यात्रा की समापन के साथ ही सभी श्रद्धालु नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर बल लौटाएंगे।

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