बदायूं. इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. जिला अस्पताल में महिला की मौत हो जाने के बाद लाश ले जाने के लिए अस्पताल से शव वाहन नहीं मिला. जिसके बाद लाचार परिजन ई-रिक्शा से शव को लेकर घर जाते दिखे. जिसका वीडियो वहां मौजूद किसी शख्स ने रिकार्ड करके सोशल मीडिया में वायरल कर दिया. अब सवाल खड़ा हो रहा है कि सिस्टम मरा या महिला? विकास की गाथा गाने वाले सीएम योगी का क्या यही विकास है? इस तस्वीर ने योगी सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं, जो सरकार और उसके सिस्टम के जुमलों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं.
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बता दें कि जिला अस्पताल में सदर कोतवाली क्षेत्र के अफजल ने अपनी पत्नी परवीन को इलाज के लिए भर्ती कराया था. लेकिन इलाज के दौरान परवीन ने दम तोड़ दिया. जिसके बाद शव को ले जाने के लिए संबंधित अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की पर संपर्क नहीं हो सका. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन ने 2 शव वाहन होने के बाद भी सुविधा मुहैया नहीं कराई.
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ऐसे में परिजनों ने अस्पताल शव वाहन चालक से भी मदद मांगी, लेकिन उसने परमिशन न होने का हवाला देते हुए जाने से मना कर दिया. जिसके बाद मजबूरी में परिजन लाश को लेकर ई-रिक्शा में गए. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या दुखभरी परिस्थियों में भी सीएम योगी का सिस्टम ऐसी हरकत कैसे कर सकता है? अगर जिम्मेदार अस्पताल में मौजूद नहीं थे तो अपनी जिम्मेदारी उन्होंने दूसरे को क्यों नहीं सौंपी. सवाल कई हैं, लेकिन उसका जवाब केवल नाकामी और लापरवाही के रूप में मिलती दिखाई दे रही है. सवाल तो सीएम योगी के दावों पर भी खड़े हो रहे हैं कि अगर जिला अस्पताल की स्थिति ऐसी है तो प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति तो बद से बद्दतर होगी!
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