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विक्रम मिश्र, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महाकुंभ को सफल बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। प्रयागराज के संगम तट पर लगने वाले इस महाकुंभ के लिए सबसे बड़ी समस्या गंगा जल के पानी को शुद्ध और निर्मल करना है। इसके लिए सरकार ने प्लान तैयार किया है, जिसके तहत गंगा जल को अब शुद्ध करने की ज़िम्मेदारी सरकार की है।
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सरकार प्रयागराज और आस पास के जिलों में गिरने वाले 40 से ज़्यादा बड़े नालों को गंगा नदी में गिरने से रोकने की व्यवस्था बना रही है। बनाये गए एक्शन प्लान पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह आज केंद्र और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ कुम्भ नगरी प्रयागराज में बैठक करेंगे। सीवेज की गंदगी से गंगा जल दूषित होने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने असंतोष जताया है। साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से हालात से निपटने और जल दूषित होने से बचाने के लिए हलफनामा और फौरी उपाय देने के लिए कहा है।
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एनजीटी के आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने अपर मुख्य सचिव वन एवम पर्यावरण मनोज सिंह को हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक गंगा जल को निर्मल करने के लिए अब नदी के ऊपर से जल की धारा गिराई जाएगी। इसके अलावा बिना एसटीपी से गुजरे सीधे गंगा में गिरने वाले नालों को तत्काल रोकने की व्यवस्था की जाएगी। इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करवाने के लिए सरकार ने कड़े निर्देश दे दिए है।
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