लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को टीम-11 की बैठक में रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबीफ्लू जैसी जीवनरक्षक मानी जा रही दवाओं की आपूर्ति की विस्तृत समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को सख्त निर्देश दिए इन जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी में संलिप्त लोगों के विरुद्ध गैंगस्टर और रासुका जैसे एक्ट के अंतर्गत सख्त कार्रवाई की जाए.
साथ ही पुलिस महानिदेशक को दवाओं की कालाबाजारी के संबंध में एक विशेष टीम गठित कर प्रदेश में छापा मार कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवनरक्षक दवाओं की निर्बाध आपूर्ति के लिए आवश्यक है कि इसकी लगातार माॅनिटरिंग की जाए. रेमेडेसीवीर उत्पादनकर्ता कंपनियों से लगातार संपर्क में रहें. इसके अलावा सभी ऑक्सीजन रीफिल केंद्रों पर जिम्मेदार अधिकारियों की तैनाती की जाए. यह सुनिश्चित करें कि ऑक्सीजन का वितरण पारदर्शी ढंग से हो. ऑक्सीजन टैंकर को जीपीएस से जोड़ा जाए तथा प्लांट्स पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए.
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मुख्यमंत्री की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चल रही कैबिनेट बैठक में कोरोना के बढ़ते संक्रमण का मुद्दा ही मुख्य बिंदु रहा. प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 1 मई से 18 वर्ष के ऊपर के लोगों को फ्री में वैक्सिन लगाई जाएगी. लेकिन जो लोग सक्षम हैं जो टीके की कीमत चुका सकते हैं, उनसे यह भी अपील सरकार की तरफ से की जा सकती है कि वह निजी अस्पतालों में टीका लगवा लें. इसके अलावा 3 श्रेणियों में टीकाकरण होगा. सबसे पहले जिन लोगों को दूसरी डोज लगनी है, उन्हें लगेगी. फिर 45 वर्ष के ऊपर के लोगो को और फिर 18 वर्ष से ऊपर के लोगो को वैक्सीन दी जाएगी.
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