लखीमपुर खीरी. बुंदेलखंड क्षेत्र के खूंखार डकैत ददुआ का पालतू हाथी ‘जय सिंह’ जल्द ही दुधवा टाइगर रिजर्व में वन गश्ती दल का हिस्सा होगा. जय सिंह को अक्टूबर में सतना (मध्य प्रदेश) में वन अधिकारियों द्वारा बचाया गया था, जब इसे अवैध बिक्री के लिए गुजरात ले जाया जा रहा था. कमजोर हाथी को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया गया, जिसने बाद में इसे वन विभाग को सौंप दिया.
आखिरकार, इसे दुधवा हाथी शिविर में लाया गया और वन अधिकारियों ने कहा कि हाथी जनवरी में प्रशिक्षण पूरा होने के बाद दुधवा टाइगर रिजर्व में वन गश्त दल का हिस्सा होगा. जय का फिलहाल इलाज चल रहा है, और उसकी देखभाल की जा रही है. 25 साल के हाथी की सेहत में सुधार हो रहा है और अब उसे ‘दुष्ट’ नहीं कहा जाता है. जय पहले भी अक्सर चित्रकूट में घरों और संपत्तियों को तबाह कर भगदड़ मचा चुका है.
दुधवा के फील्ड निदेशक संजय पाठक ने कहा, “जब अक्टूबर में उसे यहां लाया गया, तो जय सिंह अस्वस्थ था. हमने सभी आवश्यक जांच किए और इलाज शुरू कर दिया है. अब अच्छा व्यवहार कर रहा है.” पाठक ने आगे कहा, “ददुआ की मृत्यु के बाद, उनके बेटे वीर सिंह, (एक पूर्व विधायक) के पास था. जंबो को गुजरात ले जाने के दौरान बचाया गया था. वीर सिंह हाथी के स्वामित्व को साबित करने वाले दस्तावेजों को दिखाने में विफल रहा था. जिसे मध्य प्रदेश वन विभाग ने जानवर को जब्त कर यहां रख-रखाव के लिए भेज दिया.”
शिव कुमार पटेल उर्फ ददुआ ने 2002 में जय को मेले से खरीदा था. जुलाई 2007 में उत्तर प्रदेश एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में ददुआ के मारे जाने के बाद उसका बेटा वीर हाथी की देखभाल करने लगा. एक स्थानीय निवासी ने कहा, “ददुआ ने यह हाथी खरीदा था, लेकिन वह कभी उसकी पीठ पर नहीं बैठा. हालांकि, वह इसकी अच्छी तरह से देखभाल करता था. ददुआ की मृत्यु के बाद, हमने हमेशा जय को जंजीरों से बंधा हुआ देखा.”