लखनऊ. इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया फरंगी महल के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह लखनऊ ने कहा कि 14 मई को पूरे देश में ईद-उल-फितर का त्यौहार मनाया जाएगा. यह खुशी का दिन खुदा पाक की ओर से रोजेदारों को इनाम के तौर पर दिया गया है.

मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि जिन्होने पूरे रमजान में रोजे रखे और खुदा की इबादत में पूरा माह गुजारा. इस साल जिन हालात से देश गुजर रहा है, उसको देखते हुए तमाम मुस्लिम संस्थानों और उलमाक्राम ने मुसलमानों से अपील की है कि ईद सादगी से मनाएं और कहीं पर भी भीड़ जमा न करें और घरों में रह कर ही अपने घर वालों के साथ ईद का त्यौहार मनाएं.

मौलाना ने इस अवसर पर तमाम मुसलमानों से अपील की है कि नमाज के बाद दुआओं में इस महामारी के खात्मे के लिए जरूर दुआएं करें. इसके साथ-साथ बैतुल मुकद्दस की सुरक्षा और फिलिस्तीनियों पर हो रहे जुल्म के खात्मे के लिए विशेष दुआओं का एहतिमाम करें. इस मुबारक अवसर पर भी गरीब, यतीम, बेवाओं और बेरोजगारों की विशेष सहायता करने का एहतिमाम करें और नमाज से पहले सद्का फित्र जो कि इस साल गेहूं के ऐतिबार से 50 रुपए प्रति व्यक्ति है देने का एहतिमाम जरूर करें.

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मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि ईद-उल-फितर के सिलसिले में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने जो एडवाइजरी जारी की है. उस पर पूरी तरह अमल करें. एडवाइजरी इस तरह है.

  1. नए कपड़े न सिलवाएं जाएं बल्कि जो सबसे बेहतर लिबास हो उसी को पहन कर नमाज अदा करें.
  2.  ईद के दिन गुस्ल करना, अच्छे कपड़े पहनना, खुशबू तेल, और सुर्मा लगाना और खुजूर खाना सुन्नत है, इस लिए इन चीजों का एहतिमाम किया जाए.
  3. जो 5 हजरात मस्जिद में रहते हैं वह मस्जिद ही में ईद की नमाज अदा करें.
  4. जिस घर में 4 हजरात या इससे अधिक लोग हों वह ईद की नमाज अपने घर पर पढ़े.
  5. अगर किसी घर में 4 हजरात से कम हों तो वह लोग 4 रकआत नफल नमाज-ए-चाश्त अकेले-अकेले पढे़.
  6. ईद की नमाज वाजिब है इसको 6 जायद तकबीरों के साथ अदा करें.
  7. ईद की नमाज के बाद खुतबा पढ़ना सुन्नत है. अगर किसी को खुतबा याद न हो और खुतबे की कोई किताब भी न हो तो वह पहले खुतबे में सूरह फातिहा और सूरह अखलास पढ़े और दूसरे खुतबे में दुरूद शरीफ के साथ कोई दुआ अरबी में पढ़े.
  8. अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को ईद की मुबारकबाद मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के जरिए से दें.
  9. नमाज के बाद कोविड-19 के जल्द खात्मे, पूरी दुनिया में अमन व अमान के कयाम, अपनी और देश व कौम की तरक्की व खुशहाली इज्जत व सरबुलन्दी और भुकमरी के खात्मे के लिए दुआएं करें.