लखनऊ. किसान आंदोलन ने दिल्ली की सीमाओं पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के आठ माह पूरे कर लिए हैं. सोमवार को किसान संसद की एक विशेष महिला संसद आयोजित कि गई. महिला किसान संसद में बहस का मुद्दा तीन नए कृषि कानून रहा. एसकेएम ने सोमवार को मिशन यूपी और उत्तराखंड का शुभारंभ किया और घोषणा किया कि इस मिशन को औपचारिक रूप से 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में एक विशाल रैली के साथ शुरू किया जाएगा.

संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को लखनऊ से शुरू किए गए मिशन यूपी और उत्तराखंड के तहत यह घोषणा की गई कि वर्तमान किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए इसे पंजाब और हरियाणा की तरह दोनों राज्यों (उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड) के हर गांव में ले जाया जाएगा. इसके माध्यम से, हमारे खाद्य और कृषि प्रणालियों पर कॉर्पोरेट नियंत्रण को इन राज्यों के सभी कोनों से किसानों द्वारा चुनौती दी जाएगी. इस मिशन में किसान-विरोधी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगियों का हर जगह विरोध और बहिष्कार किया जाएगा, जैसे उनके नेताओं का पंजाब और हरियाणा में बहिष्कार और विरोध हो रहा है.

इसे भी पढ़ें – किसान नेता राकेश टिकैत का बड़ा बयान, कहा- 15 अगस्त को 1500 ट्रैक्टर की निकलेगी रैली

किसानों ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती, चौधरी चरण सिंह और चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की पूज्य-भूमि अब भारत की खेती और किसानों को कॉर्पोरेट और उनके राजनीतिक दलालों से बचाने की लड़ाई लड़ेगी. एसकेएम ने किसान संगठनों और अन्य प्रगतिशील संगठनों से हाथ मिलाने और इस मिशन के हिस्से के रूप में राज्यों के सभी टोल प्लाजा को मुक्त करने का आह्वान किया.

Read more – Tokyo Olympics: Organisers Report Four New Cases of COVID-19 in Games Village