लखनऊ. पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद भी किसान आंदोलन कर रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को 22 नवंबर को लखनऊ में होने वाली किसान महापंचायत में पूरी ऊर्जा के साथ हिस्सा लेने के लिए कहा है. 40 किसान संघों के छत्र निकाय ने प्रदर्शनकारियों से 22 नवंबर को महापंचायत को सफल बनाने की अपील की है.

22 नवंबर के आंदोलन के अलावा किसान संघ निकाय ने प्रदर्शनकारियों को 26 नवंबर को किसानों के विरोध की पहली वर्षगांठ और 29 नवंबर को संसद मार्च पर सभी विरोध स्थलों के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठा होने के लिए कहा है. 26 नवंबर को प्रदर्शनकारी राजधानी में ट्रैक्टर और बैलगाड़ी परेड करेंगे. बता दें कि रविवार की बैठक में समिति की भविष्य की कार्ययोजना पर चर्चा होगी.

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भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक संसद में कानून वापस नहीं ले लिया जाता तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. टिकैत ने कहा कि ‘सरकार द्वारा जिन कृषि सुधारो की बात की जा रही है. वह नकली व बनावटी है, इन सुधारो से किसानों की बदहाली रुकने वाली नहीं है कृषि व किसान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाना सबसे बड़ा सुधार होगा.’

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