पवन कुमार, लखनऊ. लखनऊ विश्वविद्यालय में एडमिशन प्रवेश प्रक्रिया में हुई परीक्षा को लेकर अंको में धांधली को लेकर पूर्व एलएलबी के छात्र प्रभास ने विश्वविद्यालय के खिलाफ रिट दायर कर कार्रवाई करने की मांग की. बता दें कि यूनिवर्सिटी प्रशासन के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यूनिवर्सिटी केवल अपने चहेते और चुनिंदा छात्रों को ही प्रवेश देती है. एलएलएम की प्रक्रिया में ऑब्जेक्टिव 38 परसेंट इंटरव्यू की प्रक्रिया रखी जाती है, जिसमें से 30 परसेंट प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि यूनिवर्सिटी शिक्षा की गुणवत्ता को नष्ट कर रही है और यूनिवर्सिटी का रिकॉर्ड पहले से ही खराब रहा है.

लखनऊ विश्वविद्यालय की एलएलएम प्रक्रिया को लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा कराया जा रहा है. उस प्रक्रिया को प्रभाष यादव द्वारा हाई कोर्ट में चैलेंज किया जा रहा है कि प्रभाष यादव जो कि लखनऊ विश्वविद्यालय के एलएलबी के पूर्व छात्र रह चुके हैं और एल एल एम की प्रक्रिया में 70% ऑब्जेक्टिव और 30% इंटरव्यू की प्रक्रिया रखी गई है और जिस कारण उस 30% प्रक्रिया पर सवाल खड़ा होता है कि इस प्रक्रिया से यूनिवर्सिटी चाहे जिसको सिलेक्ट कर ले या रिजेक्ट कर दे.

इसका सीधा फायदा यूनिवर्सिटी प्रशासन पूरी तरह उठा रहा है. यह शिक्षा की गुणवत्ता को नष्ट करता है और यूनिवर्सिटी अपने ही चुनिंदा लोगों को सेलेक्ट कर के एडमिशन दिला सकते हैं. जो कि यह छात्रों के हित में बिल्कुल नहीं है. यूनिवर्सिटी का रिकॉर्ड पहले से ही खराब रहा है और पेपर आउट होते रहे हैं, तो इस यूनिवर्सिटी के मनमाने पन के खिलाफ हाई कोर्ट में रिट दायर की गई है.