लखीमपुर खीरी. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड में आठ लोगों की मौत हुई है, जिनमें चार किसान शामिल हैं. खबरों के मुताबिक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे द्वारा गाड़ियों से रौंदकर किसानो को मारा गया है. आजाद भारत में इससे पहले इस तरह की घटना सामने नहीं आई थी.

दरअसल इस कांड की पटकथा कुछ दिन पहले ही रची गई थी, जब अजय मिश्र एक सभा में कुछ ऐसी बातें कह रहे थे जो किसानो को उकसाने के लिए काफी था. एक वीडियो सभा को संबोधित करते हुए अजय मिश्र टेनी कहते हैं, ‘आप भी किसान हैं आप क्यों नहीं उतर गए आंदोलन में अगर मैं उतर जाता तो उनको भागने का रास्ता नहीं मिलता. पीठ पीछे काम करने वाले 10-15 लोग यहां पर शोर मचाते हैं तो फिर तो पूरे देश में आंदोलन फैल जाना चाहिए था. क्यों नहीं फैला दस-ग्यारह महीने हो गए? मैं ऐसे लोगों को कहना चाहता हूं सुधर जाओ. नहीं तो सामना करो, आकर हम आपको सुधार देंगे. दो मिनट लगेगा केवल. मैं केवल मंत्री नहीं हूं या केवल सांसद या विधायक नहीं हूं. जो लोग हैं विधायक या मंत्री बनने से पहले मेरे बारे में जानते होंगे कि मैं किसी चुनौती से भागता नहीं हूं.’

सांसद के भड़काऊ भाषण ने किसानों को किया आक्रोशित

कहा जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से जिले में सांसद के विरोध की वजह उनका यही भाषण था. रविवार को भी उनके इसी भाषण को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा था. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सांसद अजय मिश्र टेनी ने अपने वीडियो में ‘मैं केवल मंत्री नहीं हूं या केवल सांसद या विधायक नहीं हूं.’ जैसी लाइन क्यों कही? आखिर कौन हैं अजय मिश्र टेनी और 2012 में उनके विधायक बनने से पहले उनका करियर कैसा रहा है?

अजय मिश्र टेनी का इतिहास

बता दें कि अजय मिश्र टेनी पेशे से किसान और व्यवसायी हैं. वह 2012 के विधानसभा चुनाव में लखीमपुर-खीरी की निघासन सीट से चुने गए थे. 2014 में बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया और खीरी लोकसभा सीट से टिकट दे दिया. उन्होंने करीब 1 लाख 10 हजार मतों के अंतर से बीएसपी के उम्मीदवार अरविंद गिरि को हराया. 2019 के चुनाव में भी उन्होंने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा और समाजवादी पार्टी की पूर्वी वर्मा को रेकॉर्ड सवा दो लाख मतों से हराया. हाल ही में हुए मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार में उन्होंने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली और उन्हें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई.

टेनी की छवि इलाके में एक दबंग और बाहुबली, हत्या का एक केस भी दर्ज

2012 में विधायक बनने से पहले अजय मिश्र टेनी वकालत भी करते थे, मगर उनका मुख्य व्यवसाय खेती और अन्य व्यापार रहे. अजय मिश्र टेनी की छवि इलाके में एक दबंग और बाहुबली नेता की रही. उनकी इस छवि के पीछे बहुत बड़ी वजह यह भी है कि उनमें पहलवानी को लेकर हमेशा से जुनून रहा और शुरुआती दिनों में उन्होंने कुश्ती भी की थी. साल 2000 में उनके ऊपर हत्या का एक केस भी दर्ज हुआ था, मगर 2004 में स्थानीय अदालत ने उन्हें आरोपमुक्त कर दिया.

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किसानों ने दिखाए काले झंडे तो चढ़ा दी गाड़ी

रविवार को भी उनके गांव बनबीरपुर में एक दंगल प्रतियोगिता का आयोजन था. इस कार्यक्रम में लखीमपुर दौरे पर आए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को बतौर मुख्य अतिथि बुलाया गया था. डिप्टी सीएम के आने की खबर सुनते ही आसपास की तहसीलों और जिलों के किसान तिकुनिया-बनबीरपुर मोड़ पर जमा हो गए. उनकी तैयारी डिप्टी सीएम के काफिले के सामने प्रदर्शन करने और काले झंडे दिखाने की थी. हालांकि उसी समय बीजेपी नेताओं की दो एसयूवी उधर से गुजरीं और प्रदर्शन कर रहे किसानों पर चढ़ गईं.