कानपुर देहात. उत्तर प्रदेश सरकार भले ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की पुरजोर कोशिश कर रही हो, लेकिन इसके बावजूद कुछ सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से बाज नहीं आ रहे. मामला कानपुर देहात की भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के मांवर गांव का है. जहां के ग्रामीणों ने लेखपाल पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है.

दर्जनों ग्रामीणों ने लेखपाल की रिश्वतखोरी से तंग आकर नेशनल हाईवे पर प्रदर्शन किया. साथ ही लेखपाल चोर है के नारे भी लगाए. ग्रामीणों का कहना था कि मावर क्षेत्र का लेखपाल राम आसरे कुरील बिना रिश्वत के पैसे लिए कोई काम नहीं करता. ग्रामीणों के अनुसार खतौनी में बारासत के नाम पर भी गांव वालों से जमकर वसूली की है. गरीब पात्र लोगों से पट्टा करने के नाम पर भी पचासों हजार रुपए की मांग करता है. ग्रामीणों ने यह भी कहा कि लेखपाल रामा आश्रय कुरील ग्रामीणों के साथ बदसलूकी और गाली गलौज भी करता है. लेखपाल राम आसरे कुरील ने गरीब किसानों से रिश्वत ले-लेकर मावर क्षेत्र में ही जमीन खरीद रखी है.

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अब देखना यह है कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद क्या प्रशासन लेखपाल पर कोई कार्रवाई करता है या नहीं. क्या प्रशासनिक अधिकारी लेखपाल जैसे कर्मचारियों को बढ़ावा देकर सरकार की छवि धूमिल करने में लगे हैं. या फिर अधिकारी खुद ही सरकार गिराना चाहते हैं.

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