विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में सड़कों पर दबाव बहुत अधिक है. ऐसे में सड़कों की मरम्मत कार्य को लेकर लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव अजय चौहान ने जिन सड़कों की मरम्मत की आवश्यकता है, उसकी रिपोर्ट मांगी है. अधिकारियों के द्वारा रिपोर्ट प्रेषित भी की गई, लेकिन इन प्रस्ताव को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
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बता दें कि 40 लाख सड़कों की मरम्मत का प्रस्ताव पहले ही जारी हो चुके है. लेकिन स्थलीय निरीक्षण पर जब जानकारी ली गई तो पाया गया कि लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं ने जिन सड़कों पर यातायात का कम दबाव था ,उनको ही प्राथमिकता देकर उन्हीं सड़कों का प्रस्ताव विभाग को भेजा था.
रैंडम जांच में हुआ खुलासा
प्रस्ताव भेजने के बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा रैंडम जांच करवाया गया जिसने कई खामियां उजागर हुई. जांच में विभाग ने पाया कि जो गैर जरूरी सड़कें थी और वो सड़कें अभी कुछ साल चल सकती थी, उनको ही प्राथमिकता दी गई. जबकि, अधिक क्षतिग्रस्त सड़कों को लिस्ट में शामिल नहीं किया गया था. जिसके बाद लोक निर्माण विभाग ने सभी अभियंताओं को निर्देश जारी कर आदेशित किया कि जो भी प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं, उनके साथ सड़कों की वीडियो और रंगीन फोटो भी अनिवार्य रूप से भेजना आवश्यक है.
एक सप्ताह में भेजे रिपार्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त निर्देश हैं कि प्रदेश की सभी सड़कें गड्डामुक्त हो जानी चाहिए. बावजूद इसके अधिकारियों की हीलाहवाली के कारण मुख्यमंत्री के आदेश की अवहेलना तो हो ही रही है. साथ ही जनता भी परेशान हो रही है.
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