बाराबंकी. तहसील रामसनेहीघाट स्थित ब्रिटिश काल मे स्थापित गरीब नवाज मस्जिद का विवाद अब दिन-प्रतिदिन गंभीर होता चला जा रहा है. पूर्व में तहसील में तैनात रहे ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट ट्रेनी आइएएस दिव्यांशु पटेल के विरोध में सीपीआई नेता व वरिष्ठ अधिवक्ता उतर आए हैं.

सीपीआई के नेता व वरिष्ठ अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि ट्रेनी आइएएस को पावर नहीं थी तो तहसील में प्रशिक्षण ले रहे थे. उनके विरुद्ध सरकार को जांच करवाकर सख्त कारवाई करनी चाहिए. उल्टा ही सरकार ने इनाम देते हुए उन्हें तहसील से सीधे जिले का पद देकर उन्नाव जिले का सीडीओ बनाकर तबादला कर दिया. जबकि दिव्यांशु पटेल के विरुद्ध जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई होनी चाहिए.

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दरसल बीते दिनों बुलडोजर चलवाकर तहसील प्रशासन ने रामसनेहीघाट में एसडीएम आवास के पास में बनी ब्रिटिश कालीन गरीब नवाज मस्जिद को ध्वस्त करवा दिया गया था और उसमें कुछ लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था वही एक व्यक्ति के विरुद्ध तो एनएसए के तहत कार्रवाई की गई थी. जबकि पूरे प्रकरण में गलत कार्रवाई की और पूरी तरह इसकी जिम्मेदारी वहां पर तैनात रहे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रशिक्षु आइएएस दिव्यांशु पटेल के विरुद्ध होनी चाहिए थी.

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