लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को महाकुम्भ मेला क्षेत्र में ऐरावत घाट पर एक निजी चैनल के कार्यक्रम में महाकुंभ और संभल मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. इस दौरान सीएम योगी ने कहा, किसी भी विवादित ढांचे को मस्जिद नहीं बोला जा सकता. इतना ही नहीं सीएम योगी ने महाकुंभ में आने वाले लोगों को लेकर कहा, आस्था के साथ कोई भी महाकुंभ में आए, लेकिन अगर कोई ये कहने आएगा कि ये भूमि हमारी है और हम लोग इस पर कब्जा करेंगे. मुझे लगता है कि उनको डेंटिंग-पेंटिंग का सामना करना पड़ सकता है.

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जो कहेंगे ये भूमि हमारी है, उनकी डेंटिंग-पेंटिंग होगी

आगे सीएम योगी ने कहा, जो परंपरागत रूप से संगम में स्नान को आएंगे, उनका स्वागत है. वहीं जो कहेंगे ये भूमि हमारी है, उनकी डेंटिंग-पेंटिंग होगी. सीएम ने महाकुम्भ में मुस्लिमों की एंट्री पर कहा कि जिनके मन में भारत और भारतीयता के प्रति, भारत की सनातन परंपरा के प्रति सम्मान और श्रद्धा का भाव है, वो यहां पर आएं. लेकिन अगर कोई कुत्सित मानसिकता के साथ यहां आता है तो मुझे लगता है कि उसकी भावनाओं को भी अच्छा नहीं लगेगा और उसके साथ अन्य तरीके से भी व्यवहार हो सकता है. इसलिए वैसे लोग न भी आएं तो अच्छा है, लेकिन श्रद्धा के साथ आने वाला हर व्यक्ति प्रयागराज आएं. बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिन्होंने किसी कालकंड में किसी दबाव में आकर उनके पूर्वजों ने उपासना विधि के रूप में इस्लाम स्वीकार किया था, लेकिन वे भारत की परंपरा पर आज भी गौरव की अनुभूति करते हैं. अपने गौत्र को भारत के ऋषियों के नाम से जोड़कर देखते हैं. पर्व और त्योहारों में उनकी भागेदारी उसी रूप में होती है. वो लोग अगर परंपरागत रूप से संगम में स्नान करने के लिए आते हैं तो कोई बुराई नहीं है.

आगे सीएम योगी ने कहा, किसी भी विवादित ढांचे को मस्जिद नहीं बोलना चाहिए. हम जिस दिन मस्जिद बोलना बंद कर देंगे तो उस दिन लोग जाना भी बंद कर देंगे. यह इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ भी है कि किसी की भी आस्था को ठेस पहुंचाकर, वहां मस्जिद नुमा ढांचा खड़ा कर दिया हो, ऐसे स्थान पर किसी भी प्रकार की होने वाली इबादत खुदा को भी मंजूर नहीं होती है. जब खुदा को मंजूर नहीं होती है तो बेकार में वहां क्यों इबादत की जाए. वहीं इस्लाम में उपासना के लिए एक स्ट्रक्चर खड़ा हो, यह आवश्यक नहीं है. जबकि, यह सनातन धर्म में है. सनातनी उपासना के लिए मंदिर जाएगा, इस्लाम के लिए नहीं है. ऐसे में हमें किसी भी ढांचे को मस्जिद बोलने की जिद्​द नहीं करनी चाहिए. यह समय एक नए भारत के बारे में सोचना के साथ आगे बढ़ने का है. हमें इस ओर ध्यान देना चाहिए.

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वक्फ बोर्ड नहीं भूमाफियाओं का है बोर्ड
सीएम योगी ने वक्फ की जमीन पर महाकुम्भ के आयोजन पर कहा कि प्रयागराज की इस धरती पर हजारों वर्ष से कुम्भ का आयोजन होता आ रहा है. इसके बाद भी उसको कोई वक्फ बोर्ड की लैंड बोल दे तो बस यही कहना है कि ये वक्फ बोर्ड है या भूमाफियाओं का बोर्ड है. इस तरह की दुष्प्रवृत्ति पर रोक लगनी ही चाहिए और हम रोक लगाएंगे. सीएम योगी ने कहा कि हमने कुछ संशोधन यहां पर किए हैं कि कोई भी जमीन जिस पर वक्फ ने कब्जा किया है या दावा किया है, 1363 फसली की उसके पूरे रिकॉर्ड को चेक किया जाए. कहीं भी वक्फ शब्द आता है तो पहले उसे देखो की जमीन किसके नाम पर थी और फिर उसको हम वापस दिलाने का काम कर रहे हैं.

सीएम योगी ने ये भी कहा कि कहीं भी, किसी भी ऐसी जमीन पर जो सार्वजनिक उपयोग में होगी. हिंदू आस्था से जुड़े पवित्र स्थलों की जमीन होगी या सरकार की होगी, यहां पर इस प्रकार के किसी भी भूमाफिया बोर्ड को कब्जा नहीं करने देंगे. उन्होंने स्पष्ट कहा कि ये कुम्भ की भूमि है और आने वाले साधु-संतों को कुम्भ के आयोजन के लिए इसी प्रकार से उपलब्ध होती रहेगी. दुनियाभर से आस्थावान लोग प्रयागराज के महाकुंभ में आ रहे हैं और अगर कोई उनकी आस्था और श्रद्धा को ठेस पहुंचाने के लिए ये कहता है कि साहब यह तो वक्फ की जमीन है. उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि हजारों वर्षों की भारत की विरासत का प्रतीक आयोजन यहीं पर होता आया है.

आइन-ए-अकबरी में भी है संभल में श्री हरि विष्णु मंदिर तोड़ने का जिक्र

सीएम ने संभल की जामा मस्जिद पर कहा कि कुछ लोगाें संभल जिले से अधिक की जमीन को वक्फ बोर्ड की जमीन बतायी है जबकि संभल में इतनी जमीन ही नहीं है. हमारे पुराणों में पांच हजार वर्ष पहले से ही उल्लेख है कि संभल में हरि विष्णु का दसवां अवतार कलकी के रूप में होगा. संभल में आज जो भी देखने को मिल रहा है, वह सभी सनातन धर्म से जुड़ा हुआ है. सीएम ने कहा कि 5 हजार वर्ष पहले धरती पर इस्लाम नहीं था. उस समय केवल सनातन धर्म ही था. उस समय जब इस्लाम था ही नहीं तो जामा मस्जिद का उल्लेख कैसे होगा. आइन-ए-अकबरी कहती है कि 1526 में श्री हरि विष्णु मंदिर को तोड़कर ढांचा खड़ा किया गया है. इस गलती को स्वीकार किया जाना चाहिये. उन्हें खुद से दे देना चाहिये. ये देश मुस्लिम लीग की मानसिकता से नहीं चलेगा, भारत की आस्था के अनुरूप चलेगा.