रामपुर. समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान द्वारा शत्रु संपत्ति पर कब्जा कर जौहर विवि में मिलाने के आरोप के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. जिसमें आजम खान के जमानत प्रार्थना पत्र पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है.

सपा सांसद आजम खान की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. जौहर विवि गेट मामले में सोमवार को सेशन कोर्ट ने फैसला सुनाया. जिसमें सेशन कोर्ट ने गेट हटाए जाने के एसडीएम कोर्ट के आदेश को यथावत रखते हुए जौहर विवि प्रबंधन की अपील को खारिज कर दिया था. अब बुधवार को भी आजम खान के लिए परेशानी बढ़ाने वाली खबर आई है. बुधवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में शत्रु संपत्ति कब्जाने के आरोप के मामले में आजम खां के जमानत प्रार्थना पत्र को कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

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सांसद आजम खां के खिलाफ साल 2019 में शत्रु संपत्ति पर कब्जा कर जौहर विश्वविद्यालय में मिलाने के आरोप में अजीमनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में पुलिस की ओर से चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. इस मामले में सांसद आजम खान ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत के लिए एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. जिसके बाद कोर्ट में आजम खान के इस जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई चल रही थी. इस मामले में शुक्रवार 30 जुलाई को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान बहस की प्रक्रिया पूरी हो गई थी और चार अगस्त की तारीख निर्धारित हुई थी. बुधवार को इस मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आजम खान का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया है.

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