हरदोई. आज इस आधुनिक समाज में भी दहेज की कुप्रथा जारी है. पिता अपनी बेटियों की शादी करते-करते पूरी जमीन बेच डालता है. विवाह के लिए कर्ज लेता है. फिर भी बेटी की शादी नहीं कर पाता. जमीन-घर बेचकर शादी हो भी गई तो दहेज के नाम पर महिला को प्रताड़ित किया जाता है. आखिर में थक कर औरत मौत को गले लगा लेती है. एक युवती ने अपनी जीवन लीला केवल इसलिए समाप्त कर दी कि इसके पिता उसकी शादी में कर्जदार न हो जाएं.

दिल दहला देने वाला मामला अतरौली थाना क्षेत्र का है. बेटी के मौत के बाद जांच के दौरान पुलिस के हाथ सुसाइड नोट लगा है. युवती ने सुसाइड नोट में ऐसी-ऐसी बातें लिखी थी कि हर किसी की भी आंखें नम हो जाएगी. जगसरा गांव के रहने वाले श्रीराम मेहनत मजदूरी करते हैं और चार बेटियों में दो की शादी कर चुके हैं. तीसरी बेटी रंगोली की पढाई स्नातक तक हुई थी. पिता उसकी शादी के लिए अच्छा रिश्ता देख रहे थे, लेकिन उनके पास दहेज के लिए रुपए नहीं थे. बेटी को इस बात का आभास था. पिता के चेहरे पर इस बात की मायूसी उसे हर दिन कचोटती रहती थी. पिता श्रीराम के मुताबिक बेटी घर से निकली थी. काफी देर तक जब वह वापस नहीं आई तो उसकी तलाश की. गांव के बाहर शव पेड़ के फंदे से लटकता मिला.

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घर में एक सुसाइड नोट मिला जिसे पढ़ने के बाद सुसाइड की वजह सामने आई. रंगोली ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि पापा मुझे माफ करना, मैं अपनी मर्जी से खुदकुशी कर रही हूं. पापा मुझे बिल्कुल पसंद नहीं कि आप इतना सारा कर्जा लेकर हमारी शादी करो और फिर जिंदगी भर कर्ज चुकाओ. अभी गुंजन भी है. फिर उसकी शादी में भी कर्ज लोगे आप. पूरी जिंदगी यही करते रहोगे. पापा हम आपको कभी खिला नहीं पाए तो यह भी नहीं होने देंगे कि पूरी जिंदगी आप कर्ज चुकाओ. मैं अपनी मर्जी से खुदकुशी कर रही हूं. इसमें किसी का कोई हाथ नहीं है. प्लीज… मेरे पापा को, मेरे परिवार वालों को कोई कुछ मत करना. और न ही मेरा कोई अफेयर है. मैं अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रही हूं. इसमें किसी की कोई गलती नहीं है.

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