अंकित मिश्रा, बाराबंकी. राजधानी लखनऊ के नगराम निवासी प्रापर्टी डीलर राजकुमार वर्मा उर्फ राज की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया. जमीन के पैसे को लेकर हुए विवाद के बाद हत्याकर के शव को बदोसराय इलाके में फेंकने की घटना का कोठी पुलिस ने अनावरण कर दिया. पुलिस ने दो हत्यारोपी दोस्तों को गिरफ्तार करने का दावा किया है. एसपी यमुना प्रसाद ने रविवार को पुलिस लाइन के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में खुलासा करते हुए जानकारी दी है. पुलिस ने हत्या के दौरान प्रयुक्त कार नंबर यूपी 41 के 5333 और एक प्लास्टिक ली रस्सी व मृत प्रॉपर्टी डीलर की बाइक के कलपुर्जे बरामद करने की बात कही है.

बता दें कि लखनऊ के नगराम निवासी प्रापर्टी डीलर राजकुमार उर्फ राज को जमीन के पैसे लेने के लिए थाना कोठी निवासी संजय वर्मा पुत्र शिवशंकर के पास बीती 12 अक्टूबर को 2021 गया था. उसके बाद राजकुमार का शव जिले के बदोसराय थानाक्षेत्र के कसरैला डीह गांव में स्थित झाड़ियों से बरामद हुआ था. जिसकी शिनाख्त मृतक की मां ने बदोसराय पंहुचकर महेश प्रसाद वर्मा ने अपने लापता पुत्र राजकुमार के रूप में की थी उसके बाद शव का पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया था. रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होने के बाद पिता की तहरीर पर लखनापुर थाना कोठी निवासी संजय वर्मा पुत्र शिवशंकर के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज करके पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की थी. जिसमें रामप्रसाद पुत्र रामनोहर रावत निवासी ग्राम लखनापुर थाना कोठी को गिरफ्तार करके घटना का खुलासा करने की बात कही है.

एसपी यमुना प्रसाद ने बताया कि गिरफ्तार संजय वर्मा ने बताया कि 7-8 माह पूर्व राजकुमार ने संजय से 10 लाख रुपए 11 बीघे जमीन खरीदा था. उसमें दोनों की सहमति हुई थी कि एक साल बाद बेची हुई जमीन 20 लाख रुपए देकर पुनः वापस ले लेगा. इसी बीच मृतक राजकुमार ने कोठी कस्बा निवासी पंकज वर्मा की एक बीघे खेत करीब 5 लाख रुपए में खरीदा गया, जिसमें 3 लाख रुपए पंकज के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से भेजा गया और बाकी बचे 2 लाख रुपए देकर रजिस्ट्री होनी थी और दो लाख रुपए राजकुमार के पास नहीं थे इसलिए संजय को रुपए देने को कहा और यह भी कहा कि यदि रुपए नहीं दोगे तो जमीन को बेच दूंगा. घटना के एक दिन पहले मृतक राजकुमार अपने साथी विभव के साथ संजय वर्मा से मिले तो उस दिन मृतक व उसके साथी को संजय इधर-उधर घुमाता रहा और अगले दिन पैसे देने को कहा तथा यह भी कहा कि पंकज वर्मा के पास मेरा चेकबुक है वहीं से चेक ले लेना.

घटना के दिन मृतक राजकुमार सुबह करीब 8 बजे पंकज वर्मा के घर को जाकर पंकज के यहां से तीन ब्लैंक चेक लिया और दो लाख रुपए लेने के लिए संजय वर्मा के घर गया. संजय ने राजकुमार से कहा कि तीन बजे तक उसके खाते में रुपए आ जाएगा उसके बाद चेक लगाकर रुपए निकाल लीजिएगा. इसके बाद मृतक व संजय वर्मा बैंक ऑफ इंडिया की सिद्धौर शाखा गए. वहां पर चेक करवाया तो खाते में रुपए नही थे. पुनः राजकुमार ने संजय पर रुपए के लिए दबाव बनाया तो संजय ने रुपए दरियाबाद में देने को कहे और मृतक राजकुमार, संजय वर्मा, रिंकू व दिलीप रावत को कार में बिठाकर चल दिए और मृतक राजकुमार को बाइक को रामप्रसाद को दे दिया और कहा कि इसको ठिकाने लगा देना और कार को इसी बीच बदोसराय के कसरैलाडीह गांव के पास लेकर पहुंचे और वहां पर कार में बैठे राजकुमार की गर्दन को प्लास्टिक की रस्सी से कस दिया. राजकुमार की मौत के बाद उसके शव को झाड़ियों में फेंक दिया. इधर रामप्रसाद ने मृतक की बाइक के कलपुर्जे अलग-अलग नदियों में फेंक दिया. जिसे रामप्रसाद की निशानदेही पर पुलिस ने बरामद करने की बात कह रही है. वहीं दिलीप व रिंकू फरार है जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है.