लखनऊ. यूपी-टीईटी पेपर लीक प्रकरण की गाज सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय पर गिरी है. शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया है. निलंबन अवधि में वह बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय लखनऊ से संबद्ध रहेंगे. 28 नवंबर को पेपर लीक होते ही सीएम योगी ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे.

यूपी सरकार एक महीने के अंदर ही यूपी टीईटी परीक्षा का आयोजन करवाएगी. सचिव परीक्षा नियामक को शुचितापूर्ण, नकलविहीन और शांतिपूर्ण ढंग से यूपी-टीईटी न किए जाने का प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है. गौरतलब है कि 28 नवंबर को दो पालियों में प्रस्तावित यूपी-टीईटी का पेपर लीक होने के कारण परीक्षा निरस्त करनी पड़ी थी. इससे सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. परीक्षा में 21 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को शामिल होना था.

प्रथम पाली में दस से साढ़े बारह बजे तक प्रदेश भर में 2554 केंद्रों पर प्राथमिक स्तर की परीक्षा का आयोजन किया जाना था और द्वितीय पाली में 2:30 से पांच बजे तक 1754 केंद्रों पर उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा का आयोजन होना था. टीईटी प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 13.52 लाख और टीईटी उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 8.93 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था.