लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वन विभाग ने उत्तर प्रदेश के जंगलों की हरियाली को बचाने के लिए जबरदस्त काम किया है। अब वैज्ञानिक तरीकों से जंगलों में वन्यजीवों और पेड़-पौधों की रक्षा की जा रही है। राज्य के सभी वन प्रभागों में 10 साल की कार्य योजना लागू की गई है।
30 सितंबर को पूरी होगी योजना
उत्तर प्रदेश के वन विभाग ने बताया कि खीरी, बिजनौर और गोरखपुर की योजनाएं 30 सितंबर 2025 को पूरी हो जाएंगी। वहीं पीलीभीत की योजना साल 2026 तक चलेगी। केंद्र की मोदी सरकार की ओर से इन योजनाओं को स्वीकृति मिल चुकी है। वन विभाग ने आक्रामक विदेशी पौधों, जैसे लैंटाना और प्रोसोफिस को हटाने के लिए भी वैज्ञानिक तरीके अपनाए हैं।
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कानपुर में नई पौध तैयार
टिशू कल्चर तकनीक से बरेली, लखनऊ, झांसी और कानपुर में नई पौध तैयार की जा रही है। ये पौधे ज्यादा मजबूत होने के साथ-साथ फायदेमंद भी साबित होंगे। जिससे प्रदेश की हरियाली को नई ताकत मिलेगी। राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत अच्छी क्वालिटी की बांस की पौध भी तैयार हो रही है, जो पर्यावरण के लिए न सिर्फ फायदेमंद साबित होगी बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
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नई कार्य योजनाओं का मसौदा तैयार
उत्तर प्रदेश के वन विभाग ने कहा कि नई कार्य योजनाओं का मसौदा तैयार कर लिया गया है। केंद्र सरकार से जैसे ही मंजूरी मिलेगी। तत्काल काम को शुरू कर दिया जाएगा। जिससे जंगलों की सेहत के साथ-साथ सुरक्षा भी अच्छी होगी। वन अधिकारी ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश का जंगल सिर्फ हरियाली का नहीं, बल्कि हजारों लोगों की रोजी-रोटी का जरिया भी है।
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सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पर्यावरण और जंगलों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण काम हो रहा है। प्राकृतिक खेती, वन्यजीव संरक्षण और ओडीओपी जैसी योजनाएं इस काम को मजबूत कर रही है। वन विभाग का कहना है कि ये योजनाएं न सिर्फ प्रदेश की हरियाली को बढ़ाएंगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी एक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण देंगी।
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