नई दिल्ली। दिल्ली सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को पूरी तरह बंद करना चाहती है. इस पहल में अब दिल्ली के स्कूलों को भी शामिल किया गया है. दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने दिल्ली के सभी स्कूलों को सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने का निर्देश दिया है. इस विषय पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों को सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने की योजना के तहत अपने परिसर में एक अलग कमरा बनाने को कहा. इस अलग कमरे में स्कूल दोबारा इस्तेमाल होने वाले बर्तनों को रख सकेगा.

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प्लास्टिक कचरा प्रबंधन को लेकर ट्रेनिंग प्रोग्राम

इसके अलावा दिल्ली ने यूनाइटेड नेशंस एनवायरनमेंट प्रोग्राम (यूएनईपी) के सहयोग से सिंगल यूज प्लास्टिक और प्लास्टिक कचरा प्रबंधन को लेकर ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है. दिल्ली सरकार का मानना है कि जब तक अन्य विकल्पों को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा, तब तक सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं को रोकना संभव नहीं है. इसे देखते हुए दिल्ली सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्पों पर स्टार्टअप शुरू करने वाले को सहायता देगी. दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण के खिलाफ विंटर एक्शन प्लान की तर्ज पर समर एक्शन प्लान को भी शुरू किया गया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान जरूरी है, साथ ही साथ इसके उपयोग को रोकने के लिए जन आंदोलन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जब तक अन्य विकल्पों को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा, तब तक सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं को रोकना संभव नहीं है.

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प्लास्टिक को जलाने या मिट्टी में दबाने से होता है गंभीर प्रदूषण

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि प्रदूषण में एकल उपयोग प्लास्टिक के इस्तेमाल की बहुत बड़ी भूमिका है. एकल उपयोग प्लास्टिक जैसे स्ट्रॉ पॉलिथिन, प्लास्टिक गिलास जैसे उत्पाद जो फेंक दिए जाते हैं, वे फिर से उपयोग में लाए नहीं जा सकते हैं. ऐसे में लोग कई बार इसे खत्म करने के लिए जमीन में दबा या जलाकर इसे नष्ट करने की कोशिश करते हैं. जबकि ऐसा करना वायु, जल और भूमि के लिए काफी खतरनाक है. इससे बहुत प्रदूषण होता है. ऐसे में प्लास्टिक कचरे के प्रभावी प्रबंधन के लिए पर्याप्त जानकारी की जरूरत है, न केवल उनके लिए जो यह कचरा उत्पादित करते हैं, बल्कि उनके लिए भी जो इसे उठाते हैं और इसका प्रबंधन करते हैं.

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सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्पों पर स्टार्टअप शुरू करने वालों को मिलेगी सरकारी सहायता

इसलिए पर्यावरण विभाग द्वारा यूएनईपी के सहयोग से सिंगल यूज प्लास्टिक और प्लास्टिक कचरा प्रबंधन पर ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया है. यूएनईपी के सहयोग से संचालित यह ट्रेनिंग कार्यक्रम से इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को बेहतर जानकारी उपल्बध होगी, साथ ही इससे संबंधित कानूनी प्रक्रिया अपनाने में असानी होगी. पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्पों पर स्टार्टअप शुरू करने वाले को सहायता देगी, इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है. एकल उपयोग प्लास्टिक वस्तुओं को रोकने और प्लास्टिक कचरा प्रबंधन अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए दिल्ली सरकार ने कई वैकल्पिक मॉडल को अपनाने के लिए रूपरेखा बनाई है. साथ ही सरकार एकल उपयोग प्लास्टिक के वैकल्पिक मॉडल पर कम शुरू करने वालों को सहायता भी मुहैया कराएगी.

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