लखनऊ। उत्तर प्रदेश चीनी के उत्पादन में नंबर एक पर है. एथेनॉल के उत्पादन पर नंबर एक है. भुगतान के मामले में भी देश में नंबर एक ही नहीं, कई राज्यों से 10 गुना अधिक है. 55 चीनी मिले हैवी मोलेराइजेशन के साथ जुड़ी हुई हैं. 20 अक्टूबर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सारी चीनी मिलें शुरू हो जाएंगी. यह बात गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने योगी सरकार के कार्यकाल की उपलब्धि बताते हुए कही.

गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने वरुण गांधी की चिट्ठी पर सरकार की उपलब्धियां गिनाने के दौरान 400 रुपए किए जाने की बात की टाल गए. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय दुगुनी करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है. गन्ना किसानों के हित में सरकार ने कई फैसले लिए हैं. गन्ना मूल्य भुगतान, चीनी मिलों का संचालन तथा तकनीकी से जोड़ने का काम किया गया है. यही नहीं योगी सरकार ने एक भी चीनी मिल बंद नहीं होने दिया, बल्कि पिपराइच, रमाला और मुंडेरवा में नई चीनी मिल स्थापित की गई.

मंत्री ने बताया कि गन्ना किसान के हितों पर योगी सरकार कार्य कर रही है. 2017 में सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने 8 वर्षों का गन्ना का बकाया भुगतान कराया. गन्ने की कीमत में 25 रुपए की अभूतपूर्व वृद्धि की है. इसके साथ 4000 करोड़ रुपए की राहत सरकार ने दी है. सबसे अच्छी किस्म के गन्ने अग्रेति में प्रजाति का 2016-17 में 52% उत्पादन था, आज वह बढ़कर 97.9 प्रतिशत गन्ना बुवाई में बढ़ोतरी हुई. सामान्य प्रजाति के गन्ने की उपज मात्र 2% वह प्रजाति अब मात्र .07% रह गई है.

सुरेश राणा ने कहा कि वर्ष 2016-17 में गन्ने की पेराई पिछले 5 वर्षों में 2918 लाख टन थी. योगी सरकार आते ही यह 8 लाख टन हेक्टेयर हो गई है, वह भी मात्र साढ़े 4 वर्ष में हुआ है. कोरोना काल में एक भी चीनी मिल नहीं बंद हुई, बल्कि 23 जून तक हमने चीनी मिलों को चलाया, क्योंकि मुख्यमंत्री ने कहा था कि जब तक गन्ने का आखरी किसान भी अपना गन्ना भी पहुंचा देता. मिलों तक तब तक मिलें चलेगी.

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खांडसारी पिछले 25 साल में उत्तर प्रदेश में एक भी लाइसेंस नहीं जारी हुआ था. जो बाधाएं थी उसे योगी सरकार ने दूर करके 15 किलोमीटर से घटाकर के 7.30 किलोमीटर कर दिया गया, जिससे 270 खांडसारी कंपनियां को नए लाइसेंस दिए गए. अब हम 70000 खिचड़ी की उत्पादन क्षमता तक पहुंच गए 90000000 क्विंटल अकेले खांडसारी के माध्यम से की गई है.